
लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघ के हमले से 18 वर्षीय मजदूर की मौत का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद इस माह में बाघ के हमले से होने वाली मौतों का आंकड़ा 4 पहुंच गया है। वहीं बीते 2 सालों में बाघ के हमले से मझरा वन क्षेत्र के आसपास के गांवों में 19 लोग मारे जा चुके हैं।
गले पर गहरी चोट के मिले निशान, जांच जारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार साहेनखेड़ा गांव का रहने वाला आकाश दिवाकर जंगल से ईख काटने के लिए गया हुआ था। इसी बीच जब वह बाइक पर था तभी बाघ ने उस पर हमला कर दिया। दिवाकर के द्वारा स्थानीय ठेकेदार के लिए वन उपज इकट्ठा की जाती थी। इस घटना को लेकर डीटीआर (बफर) के उप निदेशक सुंदरेश के द्वारा जानकारी दी गई कि यह घटना खेरी जंगल से महज 20 मीटर की दूरी पर हुई। कतर्नियाघाट जंगल में हुई घटना के बाद लोगों में दहशत का माहौल है। पीड़ित के गले में गहरी चोट लगी थी। ठेकेदार के द्वारा उस इलाके में बाघों की उपस्थिति को लेकर जानकारी होने के बाद भी मजदूर को जंगल के भीतर भेजा गया। मामले में आगे की जांच पड़ताल की जा रही है।
पदचिन्हों की पड़ताल जारी, मांगी जा सकती है पिंजरे में फंसाने की अनुमति
कतर्नियाघाट के उप निदेशक आकाशदीप वधावन के द्वारा जानकारी दी गई कि पूर्व में सामने आई घटना के बाद इलाके में कैमरे लगाए गए थे। इस बीच वहां पर एक वयस्क तेंदुए की मौजूदगी भी मिली। घटनास्थल के पास में ही बाघ के पदचिन्ह भी पाए गए हैं। पदचिन्हों के आधार पर पता किया जा रहा है कि वास्तव में घटना के पीछे कौन सा जानवर था। माना जा रहा है कि जानवर का पता लगने के बाद उसे पिंजरे में फंसाने की अनुमति की मांग की जा सकती है।
अतीक के दफ्तर पहुंची पुलिस को मिला खून से सना दुपट्टा और चाकू, जगह-जगह पड़ी थीं छीटें
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।