नोएडा में Lamborghini Huracan का तांडव: दो मजदूरों की जिंदगी में आया तूफान!

Published : Apr 01, 2025, 03:43 PM IST
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सार

Noida Lamborghini accident: नोएडा में सुपरकार ने 2 मजदूरों को टक्कर मारी। ड्राइवर का दावा है कि एरर मैसेज से ध्यान भटका। पीड़ितों का अस्पताल में इलाज जारी, ड्राइवर जमानत पर रिहा।

Lamborghini Huracan accident: रविवार शाम को नोएडा के सैक्टर-94 में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब एक लग्जरी सुपरकार, Lamborghini Huracan, ने फुटपाथ पर खड़े दो निर्माण श्रमिकों को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के समय गाड़ी के ड्राइवर दीपक कुमार, जो अजमेर के एक कार डीलर हैं, का कहना है कि वह गाड़ी चला रहे थे जब अचानक वाहन के डिस्प्ले स्क्रीन पर एक एरर मैसेज दिखाई दिया, जिससे उनका ध्यान भटक गया और हादसा हो गया।

यह लग्जरी कार मृदुल तिवारी की है, जो सुपरनोवा सैक्टर 94 के निवासी हैं और यूट्यूब पर कॉमेडी वीडियो अपलोड करते हैं, जिनके 19 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं। मृदुल उस समय गाड़ी में मौजूद नहीं थे। दीपक कुमार ने सोमवार को ₹25,000 का बॉन्ड भरकर जमानत प्राप्त की। उनका परिवार उन्हें अजमेर ले गया, जहां उनका लग्जरी कारों का शोरूम है।

सुपरकार से हुआ हादसा: एक एरर मैसेज ने पल भर में बदल दी दो परिवारों की किस्मत

रविवार को दीपक ने मृदुल के कहने पर Huracan का परफॉर्मेंस चेक करने के लिए उसे टेस्ट ड्राइव पर निकाला था। वह शॉपिंग भी कर रहे थे और लौटते समय गाड़ी की गति पर काबू नहीं रख पाए, जिससे यह हादसा हुआ और गाड़ी सड़क के किनारे बने एक निर्माणाधीन भवन के पास फुटपाथ पर जा घुसी, जहां दो दैनिक मजदूर, रामभु कुमार और विजेन रविदास, बस का इंतजार कर रहे थे।

पूछताछ में दीपक ने स्वीकार किया कि वह तेज़ रफ्तार से गाड़ी चला रहे थे और जैसे ही गाड़ी के डिस्प्ले पर एरर मैसेज दिखाई दिया, उनका ध्यान भटक गया। इस क्षणिक ध्यान भटकने के कारण वह गाड़ी पर नियंत्रण खो बैठे। पुलिस ने दीपक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 281 (लापरवाही से गाड़ी चलाना) और 125 (क) (दूसरों की जान को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया है।

हादसे के बाद पुलिस से क्या कहा दीपक ने? ड्राइवर के बयान में चौंकाने वाली बात सामने आई

विजेन रविदास और रामभु कुमार दोनों नोएडा के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हैं। डॉ. ने बताया कि दोनों मजदूरों के कई फ्रैक्चर हैं और वे ड्रेन में गिरने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए। "हम उनकी सर्जरी की तैयारी कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि उनकी रिकवरी में 4-8 सप्ताह का समय लगेगा," उन्होंने कहा।

हादसे के बाद एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दीपक, ड्राइवर की सीट पर बैठे हुए, घायलों से पूछते हैं, "क्या कोई मर गया है?" वीडियो में एक शख्स उन्हें कहता है, "क्या आप स्टंट कर रहे थे?" ड्राइवर की ओर से बस यह प्रतिक्रिया मिली, "क्या कोई मरा है?" इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भड़काया।

मजदूरों के परिवार का दर्द: अस्पताल में संघर्ष, घायलों के इलाज पर सवाल उठे

दीपक के परिवार के वकील ने बताया कि उन्होंने अजमेर वापस जाने का फैसला किया है, और यह अपराध जमानती है। इस घटना ने उन मजदूरों के परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है, जो अपने रोज़मर्रा के जीवन में रोटी कमाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।

दीपक कुमार की जमानत: अजमेर लौटे, लेकिन हादसे की छाया अभी भी पीछा कर रही है

दीपक कुमार ने सोमवार को ₹25,000 की जमानत भरकर रिहाई प्राप्त की। उनका परिवार उन्हें अजमेर ले गया, लेकिन यह हादसा अब भी उनके परिवार और दीपक के ऊपर एक बड़ा सवाल बनकर खड़ा है। सोशल मीडिया पर दीपक के बयान और वीडियो को लेकर लोगों में गुस्सा है। कई यूज़र्स सवाल कर रहे हैं कि अगर ड्राइवर इतनी लापरवाही से गाड़ी चला रहा था, तो उसे और भी सख्त सजा मिलनी चाहिए।

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