अब चारबाग स्टेशन पर व्हीलचेयर फ्री नहीं? यात्रियों से वसूले जाएंगे पैसे

Published : Jul 23, 2025, 03:35 PM IST
lucknow charbagh railway wheelchair service now paid

सार

Indian Railways Wheelchair Policy : लखनऊ चारबाग स्टेशन पर अब व्हीलचेयर सुविधा मुफ्त नहीं, यात्रियों को 50 रुपये शुल्क और 500 रुपये सिक्योरिटी मनी देनी होगी। नई व्यवस्था पर यात्री संगठनों ने जताया विरोध, दिव्यांग और बुजुर्ग यात्रियों की बढ़ी चिंता।

Lucknow Railway Wheelchair Fee : लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर अब यात्रियों को मिलने वाली व्हीलचेयर सुविधा मुफ्त नहीं रहेगी। रेलवे ने हाल ही में इस सेवा के लिए शुल्क निर्धारित कर दिया है। यात्रियों को अब एक व्हीलचेयर के लिए 50 रुपये किराया और 500 रुपये सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा करने होंगे।

अगर कोई यात्री अटेंडेंट (सहायक) के साथ व्हीलचेयर चाहता है, तो उसे अतिरिक्त 150 रुपये का भुगतान करना होगा। यह नई व्यवस्था चारबाग स्टेशन पर खोले गए जनसुविधा केंद्र के ज़रिए लागू की गई है, जो एस्केलेटर के पास रेलवे कोर्ट के पास स्थित है

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पहले क्या थी व्यवस्था?

अब तक चारबाग स्टेशन पर यात्रियों को व्हीलचेयर पूरी तरह निःशुल्क दी जाती थी। आधार कार्ड दिखाने पर यात्रियों को सुविधा मिल जाती थी, खासकर बुजुर्ग, दिव्यांग या घायल यात्रियों के लिए यह राहत का जरिया थी।

स्टेशन पर कुल 13 व्हीलचेयर मौजूद हैं, जो पहले डिप्टी कॉमर्शियल कार्यालय (प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर) से मुफ्त मिलती थीं। हालांकि वहां तक पहुंचना हर यात्री के लिए आसान नहीं होता, खासतौर पर जब ट्रेन का समय पास हो।

जनसुविधा केंद्र से व्हीलचेयर मिलना आसान, पर अब फ्री नहीं

रेलवे द्वारा स्थापित जनसुविधा केंद्र की लोकेशन ऐसी है कि यात्री आसानी से व्हीलचेयर तक पहुंच सकते हैं। यही वजह है कि ज़्यादातर लोग वहीं से व्हीलचेयर लेना पसंद करते हैं। मगर अब इसके लिए उन्हें शुल्क चुकाना होगा।

यह केंद्र यात्रियों की सुविधा के नाम पर शुरू हुआ था, लेकिन अब यह सुविधा भी वाणिज्यिक बन गई है। इससे असुविधा झेलने वाले मुख्य रूप से वही लोग हैं जिन्हें इस सेवा की सबसे ज़्यादा जरूरत है।

विरोध में उतरी यात्री संस्था, रेल मंत्री से की शिकायत

इस नयी व्यवस्था को लेकर दैनिक यात्री एसोसिएशन ने खुलकर विरोध जताया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष एस.एस. उप्पल ने कहा,

"व्हीलचेयर जैसी बुनियादी और जरूरतमंदों के लिए अहम सेवा पर शुल्क लगाना सरासर अनुचित है। बुजुर्गों और दिव्यांगों को सबसे ज्यादा दिक्कत होगी।"

उन्होंने इस मामले की शिकायत केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से करने की बात भी कही है और मांग की है कि इस निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए।

क्या यह निर्णय यात्रियों की मदद करेगा या बढ़ाएगा परेशानी?

रेलवे की दलील है कि व्हीलचेयर सेवाओं को सुव्यवस्थित करने और ज़िम्मेदारी से चलाने के लिए यह शुल्क जरूरी है। लेकिन सवाल ये है कि जिन लोगों के लिए यह सेवा बनाई गई थी, क्या वे अब इसका लाभ ले भी पाएंगे?

जो यात्री 50-150 रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन नहीं कर सकते, उन्हें या तो लंबा रास्ता तय कर प्लेटफॉर्म-1 पर जाना होगा या फिर व्हीलचेयर के बिना ही सफर करना पड़ेगा।

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