lucknow news: पूरा थाना भ्रष्ट...फर्जी केस, खाकी पर आरोप लगाकर स्टूडेंट ने किया सुसाइड, छोड़ गया ये नोट

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहीमाबाद थाना क्षेत्र में प्रतियोगी छात्र ने रविवार दोपहर 12 बजे सुसाइड कर लिया। माल के गहदों के रहने वाले स्टूडेंट 22 वर्षीय आशीष कुमार ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है।

Contributor Asianet | Published : Jun 12, 2023 10:39 AM IST / Updated: Jun 12 2023, 04:10 PM IST

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहीमाबाद थाना क्षेत्र में प्रतियोगी छात्र ने रविवार दोपहर 12 बजे सुसाइड कर लिया। माल के गहदों के रहने वाले स्टूडेंट 22 वर्षीय आशीष कुमार ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। जिसमें दारोगा राजमणि पाल, लल्लन प्रसाद पाल और सिपाही मोहित शर्मा पर आरोप लगाया है। सुसाइड नोट में लिखा है कि रहीमाबाद थाना पूरा भ्रष्ट है...। सामने सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनको चेक करवा लो। धोखे से हम सब भाइयों को थाने बुलाकर सादे आधार कार्ड पर साइन करा लिया। मैं खुदकुशी करने जा रहा हूॅं...।

पंखे की कुंडी से लटका मिला आशीष का शव

स्टूडेंट का शव कमरे में लगे पंखे की कुंडी से लटका हुआ मिला। यह सुसाइड नोट वायरल भी हो गया। खाकी की किरकिरी होते देख कमिश्नर एसबी शिरडकर ने आरोपी दारोगा व सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया और उनके खिलाफ विभागीय जांच बिठा दी। देर रात आरोपी पुलिसकर्मियों समेत 5 के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। उन पर सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप है। मृतक के भाई मयंक रावत ने पुलिस को सूचना दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया। मयंक का कहना है कि उनका भाई सिविल सर्विसेज परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। मृतक की मॉं सुशीला ने आरोपी पुलिस वालों के अलावा बकतौरीपुर निवासी नंदू विश्वकर्मा और श्यामलाल के खिलाफ शिकायत दी थी।

क्या है मामला? जिसकी वजह से आशीष ने किया सुसाइड

परिजनों के मुताबिक, बीते 8 दिसम्बर 2018 को नंदू विश्वकर्मा की दुकान से ट्रॉली खरीदने के दौरान आशीष की कहासुनी हुई थी। उस दौरान आशीष के सिर पर सरिये से वार कर घायल कर दिया गया था। माल थाने में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। नंदू केस में समझौते के लिए दबाव बना रहा था। आरोप है कि समझौते के लिए राजी नहीं होने पर रहीमाबाद थाने में 28 सितम्बर 2022 को एक शिकायत दिलाई गई। यह शिकायत नंदू ने अपने मित्र श्यामलाल से दिलवाई। उसने महादेव के घर स्थित मौरंग की दुकान में सामान खरीदने के दौरान आशीष व उसके भाई मयंक पर मारपीट का आरोप लगाया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और दुकान व घर के सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद दारोगा मामला रफा दफा करने की बात कर रहे थे। आरोपी पुलिस वालों ने फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए 50 हजार रुपये की डिमांड की। इंकार करने पर धमकी देने लगे और चार्जशीट दाखिल कर दी। उसके बाद आशीष डिप्रेशन में चला गया। वजह यह भी कि उसे लगता था कि यह केस सरकारी नौकरी की राह में आड़े आएगा।

Share this article
click me!