
उत्तर प्रदेश अब सिर्फ खेती और उद्योग का राज्य नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करने की तैयारी कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “विकसित यूपी 2047” विजन के तहत राज्य को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डीप टेक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशन का ग्लोबल हब बनाने का खाका तैयार हो चुका है।
सरकार का लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में लखनऊ और कानपुर को अत्याधुनिक एआई सिटी के रूप में विकसित किया जाए। इन शहरों में रिसर्च, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी-आधारित रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही, एनसीआर, नोएडा और लखनऊ को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) की सबसे बड़ी डेस्टिनेशन बनाने की योजना है।
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2017 से पहले यूपी में केवल 13.3% स्कूलों में कंप्यूटर थे, लेकिन योगी सरकार के आठ वर्षों में यह आंकड़ा बढ़कर 40.2% तक पहुंच गया है।
सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मैन्युफैक्चरिंग में यूपी को अग्रणी बनाने का रोडमैप तैयार किया है। इसके साथ ही, टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और साइबर सिक्योरिटी हब स्थापित होंगे।
हर संभाग में इनोवेशन इनक्यूबेटर सेंटर खोले जाएंगे, ताकि युवाओं को स्टार्टअप और नई तकनीक में सहयोग मिल सके। सरकार का विजन है कि 2047 तक यूपी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन, रोबोटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी, स्पेस टेक्नोलॉजी और ग्रीन टेक्नोलॉजी का ग्लोबल लीडर बनाया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डीप टेक्नोलॉजी और उभरते सेक्टर हमारे 6 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को गति देंगे। लखनऊ-कानपुर में एआई सिटी, सेमीकंडक्टर और ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब, ग्लोबल डाटा सेंटर और साइबर सिक्योरिटी हब के जरिए यूपी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जाएगा। यह विजन हमारे युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रखेगा और 16% जीडीपी ग्रोथ के साथ 2047 तक आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त यूपी बनाएगा।”
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