
kukrail river rejuvenation project: उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक नई तस्वीर उभरने जा रही है। जहां एक ओर गोमती रिवर फ्रंट ने शहर की पहचान को निखारा, वहीं अब कुकरेल नदी की किस्मत भी बदलने वाली है। वर्षों से गुमनामी में जाती यह नदी अब फिर से लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी। सरकार ने कुकरेल रिवर फ्रंट के निर्माण की योजना को हरी झंडी दे दी है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है।
सिंचाई विभाग के अनुसार, कुकरेल नदी को फिर से उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए 4.23 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम हो रहा है। पहले यह नदी 40 मीटर चौड़ी हुआ करती थी, लेकिन अतिक्रमण और निर्माण कार्यों के कारण अब सिर्फ 10 मीटर ही बची है। नई योजना के तहत नदी को 40 मीटर चौड़ा और 2 मीटर गहरा किया जाएगा।
करीब 4.2 किलोमीटर तक फैले इस अभियान में 10 पोकलैंड और दर्जनों जेसीबी मशीनें काम कर रही हैं, जो नदी से गाद (सिल्ट) निकालकर उसे साफ कर रही हैं। खास बात यह है कि शहर भर के कई नाले इस नदी में गिरते हैं, जिससे इसका पानी बेहद दूषित हो गया है। नगर निगम और सिंचाई विभाग मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि आगे से गंदे नालों का पानी इसमें न पहुंचे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पहले ही कुकरेल के किनारे स्थित अकबरनगर की अवैध बस्ती को हटाकर वहां हरित पार्क बनाया गया था। अब आगे रिवर फ्रंट बनाने के साथ ही इस क्षेत्र में भारत की पहली नाइट सफारी भी शुरू की जाएगी। सरकार ने इस पूरे क्षेत्र को पर्यटन और पारिवारिक पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने का रोडमैप तैयार कर लिया है।
जैसे-जैसे काम आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे लोगों की उम्मीदें भी बढ़ रही हैं। लखनऊवासियों को जल्द ही एक और खूबसूरत जगह घूमने और समय बिताने के लिए मिलेगी। यह रिवर फ्रंट न केवल शहर की सुंदरता बढ़ाएगा बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी बेहद फायदेमंद साबित होगा।
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