
राजधानी लखनऊ की बिजली व्यवस्था अब नया रूप लेने जा रही है। 1 नवंबर से लखनऊ विद्युत संपूर्ति प्रशासन (लेसा) में वर्टिकल सिस्टम लागू हो जाएगा। आगरा, मेरठ, बरेली, अलीगढ़ और कानपुर की तरह अब लखनऊ में भी उपभोक्ताओं को एक नई संरचना के तहत सेवाएं मिलेंगी। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए हर जोन में हेल्प डेस्क बनाई जा रही है ताकि बिल, मीटर और बिजली आपूर्ति से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण एक ही स्थान पर किया जा सके।
हालांकि इस नई व्यवस्था का बिजली कर्मचारियों के संगठनों द्वारा विरोध भी किया जा रहा है। उनका कहना है कि जिन जिलों में यह सिस्टम लागू किया गया है, वहां यह असफल साबित हुआ है। फिर भी मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) ने इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला कायम रखा है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की जनसंपर्क अधिकारी शालिनी यादव ने बताया कि हेल्प डेस्क से उपभोक्ता बिजली बिल, मीटर खराबी, आपूर्ति बाधित होने और बिल संशोधन जैसी शिकायतों का समाधान एक ही स्थान पर करा सकेंगे। उन्होंने कहा कि वर्टिकल सिस्टम का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर और तेज सेवा देना है। इस व्यवस्था के तहत प्रत्येक कार्य के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से तय होगी। उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रणाली देश के अन्य महानगरों में पहले से लागू है और वहीं से प्रेरणा लेकर इसे लखनऊ में शुरू किया जा रहा है।
प्रदेश के कानपुर, अलीगढ़, बरेली और मेरठ में यह सिस्टम पहले से काम कर रहा है। अब लखनऊ में इसे लागू करते हुए 1912 नंबर को उपभोक्ताओं के लिए मुख्य शिकायत केंद्र बनाया जा रहा है। हालांकि जिन उपभोक्ताओं को इस नंबर पर शिकायत दर्ज कराने में दिक्कत होती है, उनके लिए जोनवार हेल्प डेस्क एक वैकल्पिक विकल्प के रूप में काम करेंगी।
जानकारी के अनुसार, लेसा के चार जोनों में कुल 21 हेल्प डेस्क बनाई जा रही हैं —
इन हेल्प डेस्क को शुक्रवार से ट्रायल आधार पर शुरू कर दिया जाएगा।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की एमडी रिया केजरीवाल ने हाल ही में चारों मुख्य अभियंताओं के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिए कि उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति और शिकायतों का समय पर निस्तारण प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्टिकल सिस्टम लागू होने के बाद किसी भी उपभोक्ता को शिकायत दर्ज कराने में परेशानी नहीं आनी चाहिए। रिया केजरीवाल ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब जिम्मेदारियों का स्पष्ट विभाजन किया गया है, इसलिए कोई भी कर्मचारी या अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकेगा।
इस व्यवस्था के तहत बिजली विभाग में कार्य का विभाजन जोनवार और श्रेणीवार होगा। इससे उपभोक्ता को किसी एक विभाग से दूसरे विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। हर समस्या के लिए संबंधित अधिकारी निर्धारित होंगे, जिससे शिकायत समाधान प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बन सके।
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