सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी को लेकर बोलने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि सही समय आने पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपना पक्ष रखेंगे।
लखनऊ: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर इन दिनों चर्चाओं में बने हुए हैं। बता दें कि विवादित बयान देने के बाद पहली बार मौर्य ने शनिवार को अखिलेश यादव से लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर मुलाक़ात की है। बता दें कि अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। वहीं मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह अपने बयान पर माफी नहीं मागेंगे। मौर्य ने कहा कि जातिगत आधारित जनगणना के मुद्दे पर पार्टी आगे बढ़ेगी।
समय आने पर बोलेंगे अखिलेश यादव
वहीं मौर्य ने आगे कहा कि बीजेपी ने आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के आरक्षण को खत्म कर दिया है। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि अखिलेश यादव पार्टी के अध्यक्ष है और सही समय आने पर वह अपना पक्ष रखेंगे। बता दें कि उन्होंने कहा कि देश में सबसे पहले आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए जाति आधारित जनगणना कराए जाने की मांग की जा रही है। आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के साथ जाति आधारित जनगणना ही न्याय कर सकती है। वहीं इस दौरान मौर्य रामचरितमानस पर की गई बयानबाजी पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आए।
धर्म पर बोलने से बचते दिखे मौर्य
उन्होंने कहा कि उचित समय आने पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपना पक्ष रखेंगे। मौर्य ने कहा कि इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच लगभग सभी मुद्दों पर चर्चा हुई है। लेकिन अखिलेश यादव विधानसभा में जवाब देंगे। इसके साथ ही मौर्य ने कहा कि वह अभी भी अपने रामचरितमानस वाले बयान पर कायम हैं। बता दें कि रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य कई लोगों के निशाने पर आ गए हैं। मौर्य ने कहा कि रामचरितमानस में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और महिलाओं का अपमान है। उस दोहे को रामचरितमानस से हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग माफी मांगने के लिए बोल रहे हैं। वह जाति विशेष के लोग हैं। लेकिन मैं अपने सच के साथ खड़ा हूं।