मुख्तार से जुड़े तार तो करने लगा बड़े-बड़े काम, MLA अब्बास की फरारी में मदद भी, जानिए जुगनू वालिया की पूरी कहानी?

माफिया मुख्तार अंसारी को अपना गुरु बताने वाला जुगनू वालिया काफी समय से यूपी पुलिस की पकड़ से दूर था। पुलिस उसे ढूंढ़ती रही और वह फरारी काटता रहा। पंजाब में उसकी गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस ने वहां सम्पर्क साधा…

Mukhtar Ansari Gang: माफिया मुख्तार अंसारी को अपना गुरु बताने वाला जुगनू वालिया काफी समय से यूपी पुलिस की पकड़ से दूर था। पुलिस उसे ढूंढ़ती रही और वह फरारी काटता रहा। पंजाब में उसकी गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस ने वहां सम्पर्क साधा तो जुगनू के बारे में जानकारिया हासिल हुईं। बताया जा रहा है कि जुगनू ने ही मुख्तार के बेटे विधायक अब्बास अंसारी की फरार होने में मदद की थी। जब यूपी पुलिस उसकी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण में धरपकड़ कर रही थी।

यूपी के टॉप अपराधियों की लिस्ट में शामिल

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जानकारी के अनुसार, एसटीएफ ने भी पंजाब पुलिस से सम्पर्क साधा है। जुगनू आलमबाग के चंदरनगर में रेस्टारेंट संचालक रोमी की हत्या का आरोपी है। मोहाली से अरेस्ट किए गए जुगनू को रिमांड पर लेने के लिए अब पुलिस कोर्ट में अर्जी देगी। जुगनू के खिलाफ 20 से ज्यादा केस दर्ज है और वह यूपी के टॉप अपराधियों की लिस्ट में शामिल है। यह मुख्तार को अपना गुरु भी बता चुका है।

बिजनेस के लिए लखनऊ आया और जरायम की दुनिया में उतरा

जुगनू वालिया, मोहाली के सेक्टर 91 का रहने वाला है। वह बिजनेस करने के लिए लखनऊ आया और चंदरनगर में रहता था। पर वह बिजनेस के बजाए जरायम की दुनिया में दाखिल हो गया। मुख्तार अंसारी के सम्पर्क में आने के बाद वह बड़े बड़े काम करने लगा। ठेके पट्टों के टेंडर लेने लगा। बताया जाता है कि मुख्तार अंसारी के सूद के पैसों और प्रॉपर्टी के काम को लखनऊ में वही देखता था। इसके अलावा वह रंगदारी वसूलने में भी शामिल रहता था। 2019 में कपड़ा व्यापारी मनप्रीत और 2021 में रेस्टोरेंट संचालक रोमी की हत्या में खुलासा हुआ कि यह हत्याएं वालिया ने ही कराईं। तभी से पुलिस उसे तलाश रही थी।

अपने नेटवर्क के दम पर बचता रहा

यूपी पुलिस जुगनू वालिया की धरपकड़ के लिए पंजाब भी गई। पर उसे पकड़ने में सफलता हाथ नहीं लगी। मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ शस्त्र लाइसेंस मामले में राजधानी के महानगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था। बताया जा रहा है कि उसे पंजाब में शरण दिलाई गई थी। उसमें जुगनू ने भी अब्बास का साथ दिया था। जुगनू ने पंजाब में अपना तगड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया था। उसी नेटवर्क की दम पर वह बचता रहा और अपराधियों की मदद भी करता रहा।

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