सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जानिए क्यों याचिका को किया गया खारिज

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव, उनके पिता मुलायम सिंह यादव व छोटे भाई को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। दरअसल आय से अधिक संपत्ति मामले में याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, उनके भाई प्रतीक यादव व सपा प्रमुख के दिवंगत पिता मुलायम सिंह यादव को आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल 13 मार्च यानी सोमवार को इन आरोपों की प्रारंभिक जांच बंद करने की सीबीआई रिपोर्ट की कॉपी मांगने वाली याचिका खारिज हो गई है। साथ ही साल 2013 की क्लोजर रिपोर्ट को लेकर शीर्ष अदालत ने सीबीआई को मंजूरी भी दे दी है।

इस वजह से जस्टिस ने खारिज की याचिका

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जानकारी के अनुसार इस मामले में सुनवाई के दौरान दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत का कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने पहले ही 7 अगस्त 2013 को इन आरोपों की जांच बंद कर दी थी। इस वजह से याचिका में कोई दम नहीं है। वहीं जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जेबी पारदीवाला और मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि 1 मार्च 2007 और 13 दिसंबर 2012 के फैसले के बाद सीबीआई ने 7 अगस्त 2013 को मामले में अपनी प्रारंभिक जांच बंद कर दी थी। इसके अलावा 8 अक्टूबर 2013 को सीवीसी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। न्यायाधिश का कहना है कि यह याचिका छह साल बाद 2019 में दाखिल की गई है। इस याचिका में कोई योग्यता नहीं है इसलिए इसे खारिज किया जाता है।

साल 2021 में सुनवाई बंद करने से किया था मना

साल 2019 में सीबीआई ने शीर्ष अदालत को बताया था कि आय से अधिक संपत्ति मामले में मुलायम और उनके दोनों बेटे अखिलेश व प्रतीक के खिलाफ संज्ञेय अपराध होने का प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं मिला था। इसकी वजह से प्रारंभिक जांच को आपराधिक मामले में नहीं बदला गया था। इसके अलावा 7 अगस्त 2013 के बाद मामले में कोई जांच नहीं की गई। बीते साल पांच दिसंबर को शीर्ष अदालत ने इस मामले में सुनवाई बंद करने से मना कर दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि वह यह तय करेगा कि सीबीआई द्वारा मामले की प्रारंभिक जांच बंद करने पर सीबीआई की रिपोर्ट की कॉपी दी जा सकती है या नहीं, इस पर सुनवाई करेगी।

कांग्रेस नेता ने पिता-बेटों के खिलाफ दाखिल की थी याचिका

दूसरी ओर अखिलेश और प्रतीक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का कहना था कि सीबीआई ने प्रारंभिक जांच करने के बाद क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है। साथ ही यह भी कहा है कि आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए कोई तर्क नहीं बनता है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। जिस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के खिलाफ कार्यवाही भले ही बंद कर दी गई है, लेकिन आरोप उनके बेटों-अखिलेश और प्रतीक के खिलाफ भी हैं। गौरतलब है कि सीबीआई द्वारा मामले को बंद करने को लेकर कांग्रेस के नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने याचिका दाखिल की थी।

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