बेरोजगार युवाओं को तीन महीने के क्रैश कोर्स में एटीएम को तोड़कर 15 मिनट में पैसे कैसे निकालने है, इसकी खास ट्रेनिंग दी जा रही थी। हैरान करनी वाली बात तो यह है कि इसके बाद उनको 15 दिन का लाइव डेमोस्ट्रेशन भी कराया जाता है।
लखनऊः स्टार्टअप और स्किल डिवेलपमेंट में तरह-तरह की ट्रेनिंग मिलती है लेकिन अगर कोई किसी को चोरी, डकैती के साथ-साथ अन्य अपराध की ट्रेनिंग दे तो उसको क्या कहा जाएगा। दरअसल एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसको सुनकर किसी को यकीन नहीं होगा लेकिन बिहार में ऐसा हुआ है। बिहार के छपरा के सुधीर मिश्रा अपने परिचितों के बीच एटीएम बाबा के नाम से जाने जाते हैं लेकिन वे कोई स्वयंभू बाबा नहीं हैं। बल्कि उन्होंने 15 मिनट के अंदर एटीएम को कैसे तोड़ना है, इस पर बेरोजगार युवाओं को ट्रेनिंग देकर अपने अजीबोगरीब कौशल के कारण उपनाम अर्जित किया है। इस बात का खुलासा यूपी की राजधानी लखनऊ सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में हुआ। जब पुलिस ने एक एटीएम से चार अप्रैल को कथित तौर पर 39.58 लाख रुपये चुराने के आरोप में मंगलवार को चार युवकों को गिरफ्तार किया।
नीले रंग की कार से आकर देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस ने आरोपियों के पास से करीब 9.13 लाख रुपए भी बरामद किए हैं और अब गैंग के सरगना सुधीर मिश्रा की तलाश कर रही है। वहीं पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में एक एटीएम को तोड़कर हुई चोरी का पता लगाने के लिए पुलिस ने एक हजार सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डेटा और शहर के आसपास के 20 से ज्यादा टोलों की जांच की थी। इसी दौरान एटीएम के पास एक घर से सीसीटीवी फुटेज मिला था, जिसमें एक नीले रंग की कार का पता चला। उन्होंने आगे बताया कि बदमाश इसी कार से शहर में घुसे थे और घटना को अंजाम देने के बाद वहां से भाग गए। जब पुलिस ने कार के नंबर का पता किया तो उसका मालिक बिहार के सीतामढ़ी जिले का है। उसके बाद पुलिस की टीम को सीतामढ़ी भेजा तो वहीं दूसरी ओर यूपी पुलिस की एक और टीम ने के प्रदेश की सुल्तानपुर रोड पर उसी कार को रोककर उसमें सवार चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी ने पुलिस को बताया ट्रेनिंग में सिखाई जाती थी ये तकनीक
गोल्फ सिटी के एसएचओ शैलेंद्र गिरी का कहना है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक नीरज नाम का शख्स गैंग का स्थाई सदस्य था और उसके खिलाफ पांच मामले पहले से दर्ज थे। नीरज ने खुलासा किया कि उसने सुधीर मिश्रा नाम के शख्स से एटीएम मशीन को तोड़ने के बारे में ट्रेनिंग ली थी। उसी ने बताया कि सुधीर बेरोजगार युवाओं को यूपी से छपरा ले जाता था और वहां तीन महीने का एटीएम क्रैश कोर्स के अंतर्गत नई तकनीक से एटीएम को तोड़ना सिखाता था। आरोपी नीरज ने पुलिस को बताया कि इस ट्रेनिंग में बताया जाता था कि कैसे अपनी पहचान छिपाने के लिए एटीएम बूथ में लगे कैमरों पर लिक्विड स्प्रे करना है। इसके साथ ही 15 मिनट के अंदर एटीएम के कैश बॉक्स को काटकर पैसा निकालकर वहां से फरार होना है।
एक साल में गैंग द्वारा 30 से ज्यादा मामले आ चुके है सामने
पुलिस द्वारा पूछताछ में आरोपी नीरज ने यह भी बताया कि सुधीर मिश्रा के ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण के बाद करीब 15 दिन का लाइन डेमोस्ट्रेशन भी कराया जाता है। इसके बाद जब वह 15 मिनट या उससे कम समय में एटीएम तोड़ लेते थे तो सिर्फ उन्हीं छात्रों को फील्ड में एटीएम तोड़ने के लिए भेजा जाता है। इस मामले को सामने आने के बाद पुलिस का कहना यह भी है कि देशभर में पिछले एक साल में गैंग द्वारा ऐसे 30 से ज्यादा मामले अंजाम दिए गए हैं। पुलिस अब वहां से ट्रेनिंग लेने वाले सभी छात्रों को ट्रेस करने की कोशिश कर रही है। फिलहाल पूरी गैंग का सरगना सुधीर मिश्रा पुलिस की गिरफ्त से दूर है और उसको हिरासत में लेने के लिए पुलिस पूरी कोशिशें कर रही है।
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