"संभल में 1982 से अब तक 209 हिंदुओं की हत्या हो चुकी है। तब किसी ने भी इन निर्दोष मौतों पर आवाज नहीं उठाई।" - सीएम योगी
एनसीआरबी आंकड़ों के अनुसार, हमारी सरकार में दंगों की संख्या में 97 प्रतिशत तक की कमी आई है।"
राम नाम बोलना सांप्रदायिक कैसे हो सकता है? यह हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है।
बाबरनामा भी कहता है कि मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गईं। यह इतिहास की सच्चाई है।
ज्यूडिशियल कमेटी बनाई जाएगी ताकि सच्चाई सामने आए और दोषियों को सजा मिले।
संभल की सच्चाई छुप नहीं सकती। जनता सब देख रही है- सीएम योगी
1972-1974 के दंगों में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई। हमने प्रदेश में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई है।
वाराणसी की चटपटी पानी पूरी खाई है क्या ?
लखनवी चिकनकारी के जादू से बदलें अपना लुक, जानिए क्या है खास!
साड़ी से जींस तक, AI इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी निकिता की 7 तस्वीरें
क्या चाहते थे अतुल सुभाष? मौत के बाद सामने आईं उनकी 12 आखिरी ख्वाहिशें