असद के एनकाउंटर के बाद जांच में कई तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं। पड़ताल में पता लगा है कि अतीक अहमद ने बेटे को छिपाने के लिए अबू सलेम से भी मदद ली थी।
प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद ने अपने बेटे असद को बचाने के लिए अपने सारे संपर्कों का इस्तेमाल किया था। अतीक के द्वारा माफिया डॉन अबू सलेम के करीबियों और दिल्ली के एक राजनेता से मदद की गुहार भी लगाई गई थी। इसी बीच झांसी में उसे ढेर किया गया। बताया गया कि जहां पर झांसी में असद को ढेर किया गया बताया गया कि वहां पर शूटर गुड्डू मुस्लिम 26 फरवरी को आया था। वह तीन दिनों तक वहां पर छिपा भी रहा था।
अबू सलेम से लगाई थी मदद की गुहार
एसटीएफ के अधिकारियों के द्वारा मीडिया को जानकारी दी गई कि अतीक अहमद और अबू सलेमा का पुराना संबंध है। 2007 में प्रदेश में बसपा सरकार बनने के बाद अतीक के खिलाफ जब पुलिस की निगाह डेढी हुई तो वह भागकर अबू सलेम के पास गया था। अतीक उस दौरान कई दिनों तक मुंबई में छिपा रहा था। इस बार भी उमेश पाल हत्याकांड के बाद बेटे असद को बचाने के लिए अतीक ने अबू सलेम से मदद की गुहार लगाई थी। इसके बाद असद के महाराष्ट्र में छिपने के लिए गैंगस्टर अबु सलेम की मदद भी ली गई। वहीं असद को छिपाने में एक दिल्ली के एक नेता की मदद का नाम भी सामने आ रहा है।
जेल से अशरफ कर रहा था बात, पड़ताल में मिले थे कई सबूत
कथिततौर पर जेल में प्रशासन की तमाम सख्ती के बावजूद बरेली जेल में बंद अशरफ के द्वारा मोबाइल का इस्तेमाल किया जा रहा था। उमेश पाल की हत्या के बाद भी असद और सभी शूटर्स से लगातार अशरफ से बातचीत कर रहा था। यह बात फेसटाइम और व्हाट्सऐप कॉल के जरिए की जाती थी। अशरफ ने ही अतीक के इशारे पर दिल्ली और महाराष्ट्र में शूटरों को भेजा था। कई घंटों तक अतीक, अशरफ, शाइस्ता, असद और तमाम शूटर्स की बातचीत को लेकर पुख्ता प्रमाण एसटीएफ को भी जांच के दौरान मिले थे। असद को बचाने के लिए अतीक ने अबू सलेम से मदद मांगी इस बारे में जानकारी सामने आने के बाद जांच-पड़ताल में टीम लगी हुई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसको लेकर भी खुलासा हो सकता है।