
Mahakumbh 2025 First Shahi Snan: आस्था और संस्कृति के संगम महाकुंभ का आगाज हो गया है। पहला शाही स्नान सोमवार की भोर से शुरू होगा। प्रयागराज में लगे महाकुंभ में पहला स्नान करने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। लोगों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। कड़कड़ाती ठंड में आस्था के इस सबसे बड़े संगम में लोग रविवार को ही पहुंचने लगे थे। पूरा प्रयागराज इस समय लोगों की भीड़ से अटा पड़ा हुआ है। भारी सुरक्षा के बीच लोग कुंभ शहर में पहुंच रहे हैं।
महाकुंभ में छह शाही स्नान होते हैं। महाकुंभ पहले शाही स्नान के साथ शुरू होगा। पहला शाही स्नान सोमवार को 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन होगा। भोर से ही शाही स्नान शुरू हो जाएगा। राज्य सरकार की मानें तो 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में 40 करोड़ के आसपास लोग संगम में डुबकी लगा सकते हैं। 2019 के अर्धकुंभ में करीब 24 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगायी थी।
महाकुंभ में शाही स्नान परंपरानुसार, सबसे पहले अखाड़े के साधु-संन्यासी और संत संगम में डुबकी लगाएंगे। अखाड़ा परिषद ने मीटिंग कर सभी अखाड़ों का रूट और नहाने की टाइमिंग तय कर दी है। पूरे शाही अंदाज में अखाड़े शाही स्नान के लिए निकलेंगे। इनके लिए रिजर्व किए गए घाटों पर सामान्य जन का स्नान तबतक वर्जित रहेगा जबतक अखाड़े नहाकर वापस नहीं चले जाते। इनके जाने के बाद ही फिर कोई दूसरा सामान्य व्यक्ति डुबकी लगाएगा। हालांकि, आमजन के लिए कई घाट बने हैं।
कुंभ का आयोजन देश की चार नदियों के तट पर होता है। पुराणों में कुंभ के आयोजन संबंधी वर्णन मिलता है। कहा जाता है कि सागर में जब अमृत मंथन हो रहा था तो अमृत कलश की देवताओं व असुरों में छीना-झपटी हुई थी। इस छीना-झपटी में कलश से अमृत की कुछ बूंदे धरती पर गिर गयी थी। यह चार बूंदे चार नदियों में गिरी थी। इसके बाद कुंभ का आयोजन यूपी के प्रयागराज, उत्तराखंड के हरिद्वार, मध्य प्रदेश के उज्जैन और महाराष्ट्र के नासिक शहर में होता है। इस कथा का वर्णन विष्णु पुराण, कूर्म पुराण, स्कंद पुराण, भागवत पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण में मिलता है। कुंभ आयोजन का सबसे प्राचीन वर्णन 2500 साल पहले मिलता है।
अगर आप मेले में जा रहे हैं तो कुंभसहायक ऐप डाउनलोड करें। इसमें आगंतुकों के लिए रूट मैप और अन्य उपयोगी जानकारी है। रियल-टाइम ट्रैफिक अपडेट देने के लिए शहर भर में करीब एक हजार एआई-सक्षम कैमरे लगाए गए हैं। भीड़ को नियंत्रित करने में मदद के लिए 30,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
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