महाकुंभ 2025: जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बताया अद्भुत अमृतयोग का रहस्य!

Published : Feb 08, 2025, 09:25 AM IST
Jagadguru Ramabhadracharya

सार

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ २०२५ को अभूतपूर्व बताया, त्रिवेणी संगम में अमृतयोग का अनुभव किया। १९७७ से कुंभ आ रहे हैं, पर ऐसा दिव्य कुंभ पहले कभी नहीं देखा।

महाकुम्भ नगर। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ 2025 को अब तक का सबसे सुंदर, दिव्य और अविस्मरणीय बताया। उन्होंने कुम्भ के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह आयोजन मानवता के लिए एक पवित्र अवसर है। उन्होंने कहा, "लोग चाहे जितनी भी आलोचना करें, लेकिन मैंने इस कुंभ में साक्षात 'अमृतयोग' का अनुभव किया है। त्रिवेणी संगम के पानी में जो अमरत्व और आध्यात्मिक शक्ति समाई है, उसे मैंने स्वयं अनुभव किया है।"

1977 से आ रहा, ऐसा सुंदर कुम्भ पहले नहीं महसूस किया

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ 2025 के प्रबंधन और भव्यता की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस बार का कुम्भ हर दृष्टि से अद्वितीय है। उन्होंने कहा, "मैं 1977 से कुम्भ में आ रहा हूं, लेकिन इससे अधिक सुंदर और दिव्य कुंभ मैंने पहले कभी नहीं महसूस किया। यह आयोजन वास्तव में भव्यता, भक्ति और भारतीय संस्कृति का अद्भुत संगम है।"

उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे इस कुम्भ का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और न केवल स्नान करें, बल्कि संतों का सान्निध्य प्राप्त कर आध्यात्मिक ज्ञान भी अर्जित करें।

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