Mahakumbh 2025: संगम में नहाने से टाइफाइड, डायरिया, हैजा का खतरा? NGT करेगा सुनवाई

Published : Feb 19, 2025, 10:51 AM IST
mahakumbh 2025 polluted water ngt hearing health risk typhoid diarrhea cpcb report

सार

Prayagraj Mahakumbh CPCB Report: महाकुंभ में 50 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं, लेकिन संगम का पानी प्रदूषित पाया गया है। NGT आज इस मामले में सुनवाई करेगा। CPCB की रिपोर्ट में खतरनाक बैक्टीरिया की पुष्टि हुई है.

CPCB report Mahakumbh mela 2025: महाकुंभ 2025 में अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा-यमुना संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। लेकिन संगम का बढ़ता जल प्रदूषण अब चिंता का विषय बन गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) आज इस मामले में सुनवाई करेगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट में पानी में खतरनाक बैक्टीरिया पाए जाने के बाद यह मुद्दा और गंभीर हो गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्नान के लिए उपयोग किए जा रहे पानी में फेकल कोलीफॉर्म (Fecal Coliform) बैक्टीरिया मौजूद हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।

CPCB रिपोर्ट: संगम का पानी नहाने लायक नहीं?

CPCB ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि त्रिवेणी संगम के पानी में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, पानी में मौजूद फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा स्नान के लिए सुरक्षित मानक से अधिक पाई गई है। यह मुख्य रूप से मानव और पशु मल के कारण जल में बढ़ता है। ऐसे प्रदूषित पानी में स्नान करने से टाइफाइड, डायरिया, और हैजा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

यह भी पढ़ें: महाकुंभ के महाआयोजन से उत्तर से दक्षिण भारत तक सनातन का उत्साह चरम पर

संगम के पानी पर NGT की सख्त टिप्पणी

NGT ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) पर गंभीर टिप्पणी की है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन महाकुंभ के दौरान सीवेज और गंदे पानी को रोकने के उपाय करने में असफल रही है। साथ ही, NGT ने यूपीPCB से इस मामले पर अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है।

क्या है संगम के पानी में प्रदूषण का स्तर?

विशेषज्ञों के मुताबिक, स्नान के पानी में फेकल कोलीफॉर्म का सुरक्षित स्तर 2500 MPN/100 ML तक होना चाहिए। लेकिन महाकुंभ में श्रद्धालुओं द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे संगम जल में यह स्तर कई गुना अधिक पाया गया है। CPCB के अनुसार, अगर जल प्रदूषण को जल्द नियंत्रित नहीं किया गया, तो महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालु पानी जनित बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। खासतौर पर बुजुर्ग, बच्चे और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग इससे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

महाकुंभ प्रशासन का कहना है कि वे जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। स्नान घाटों पर जल गुणवत्ता की जांच के लिए टीमें तैनात की गई हैं। लेकिन CPCB की रिपोर्ट के बाद यह साफ है कि अब तक उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं। NGT की आज की सुनवाई के बाद तय होगा कि प्रशासन पर क्या सख्त कार्रवाई की जाएगी और महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित जल व्यवस्था को कैसे सुनिश्चित किया जाएगा।

यह भी पढ़ें; CM Yogi पर अखिलेश यादव का पलटवार – बोले, मौलाना बनना भी अच्छा है और योगी बनना भी, लेकिन…

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

वलीमा के कार्ड में ‘दुबे’ लिखा देख चौंके लोग, पीएम–सीएम को न्योता, सोशल मीडिया पर वायरल
अफवाह ने छीनी इंसानियत! जौनपुर में साधुओं की पिटाई, वीडियो बनाती रही भीड़