उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जेई हत्याकांड के मामले में 26 साल बाद निचली अदालत ने फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा की सजा के साथ एक-एक लाख अर्थदंड की सुनाई है। हालांकि एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है।
महाराजगंज। महाराजगंज जेई हत्याकांड मामले में निचली अदालत ने 26 साल बाद फैसला सुनाया है। मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों पर एक-एक लाख रुपये अर्थ दंड भी लगाया है। हालांकि एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है। सिंचाई विभाग के जेई की विंदा ठकुराई की वर्चस्व की जंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना में तीन आरोपियों का गिरफ्तार किया गया था।
तीन जून 1997 को हुई थी घटना
3 जून वर्ष 1997 में सिंचाई विभाग के तात्कालीन जेई विंदा ठकुराई को सुबह किसी पूजा करने मंदिर जाते समय गोली मार दी गई थी। नारायणी नदी के बी-गैंप बांध की ठोकर संख्या 12 को लेकर वर्चस्व की जंग जेई हत्याकांड की प्रमुख वजह बनी थी। बांध के ठोकर संख्या 12 पर आरोपी जेई हरिश्चंद सिंह तैनात था, लेकिन उसे वहां से हटाकर विंदा ठकुराई को नियुक्त कर दिया गया था। इसे लेकर दोनों के बीच विवाद गहरा गया था। इसी विवाद के चलते आरोपी जेई हरिश्चंद ने ठेकेदार भरत सिंह के साथ विदा ठाकुर की हत्या की साजिश रची और 3 जून को वह नहाकर पूजा करने जा रहे थे तभी ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
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एक आरोपी का पहले ही हो चुका निधन
महाराजगंज जेई हत्याकांड मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में आरोपी ठेकेदार ताहिर अली, हरिश्चंद्र निवासी संतकबीर नगर और आरोपी भरत सिंह निवासी गोरखपुर को दोषी करार दिया गया है। इस मामले में आरोपी ठेकेदार ताहिर अली की पहले ही मौत हो चुकी है।
फैसले सुनाने में बीत गए 26 साल
महाराजगंज जेई हत्याकांड काफी चर्चित हत्याकांड में से एक रहा है। इसके बाद भी न्यायालय का फैसला आने में 26 साल का काफी लंबा समय निकल गया। न्याय प्रक्रिया में इतना लंबा लग गया कि घटना के एक मुख्य आरोपी को सजा से सुनाए जाने से पहले उसकी मौत हो गई।