माफिया अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड को लेकर पुलिस की थ्योरी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सवालों का जवाब किसी के भी पास में नहीं है। घटना के इतने दिन बाद भी पूछताछ में कोई अहम बात सामने नहीं आ रही।
प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को कई दिन बीत चुके हैं। हालांकि इस घटना की गुत्थी अभी तक पुलिस के द्वारा सुलझाई नहीं जा सकी है। इस बीच धूमनगंज पुलिस की कार्यशैली को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। पुलिस की ओर से जो थ्योरी बताई गई है उसमें भी कई जगहों पर झोल सामने आ रहा है।
2 गाड़ियों में कैसे आए 23 लोग
पुलिस के द्वारा बताया गया कि माफिया भाइयों को थाने से अस्पताल ले जाने के दौरान दो गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि अतीक-अशरफ और 21 पुलिसकर्मियों को मिलाकर कुल 23 लोग कैसे दो गाड़ियों में आए यह बड़ा सवाल है। अतीक-अशरफ हत्याकांड में धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश कुमार मौर्य जिन्होंने एफआईआर दर्ज करवाई वह ही मुख्य गुवाह हैं। राजेश ने बताया कि अतीक-अशरफ को मेडिकल चेकअप के लिए कॉल्विन अस्पताल ले जाने के दौरान धूमनगंज थाने के 21 पुलिसकर्मी साथ में मौजूद थे। इसमें 7 दारोगा, 13 सिपाही-दीवान शामिल थे। यह पुलिसकर्मी दो वाहन से सरकारी अस्पताल पहुंचे थे। इसमें एक बोलेरो एक एक सरकारी जीप शामिल है। हालांकि दो वाहनों में 23 व्यक्ति कैसे आ सकते हैं यह बड़ा सवाल है।
महज 16 मिनट में तय की गई दूरी
वहीं सवाल पुलिस की ओर से बताई जा रही टाइमिंग को लेकर भी खड़ा हो रहा है। पुलिस के अनुसार टीम रात में तकरीबन 10 बजकर 19 मिनट पर दोनों को लेकर धूमनगंज थाने से रवाना हुई। यहां से चलकर पुलिस 10 बजकर 35 मिनट पर कॉल्विन अस्पताल पहुंच गई। जाम और भीड़भाड़ वाला रास्ता होने के बावजूद पुलिस किस तरह से महज 16 मिनट में वहां तक पहुंची इसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जाहिर तौर पर पुलिस की ओर से बताई जा रही थ्योरी पर तमाम प्रश्न उठ रहे हैं। इन सवालों का जवाब अभी किसी के भी पास में नहीं है।
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