बसपा के इस बड़े चेहरे को मायावती ने दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता! क्यों हुआ निष्कासन?

Published : Oct 23, 2025, 04:41 PM IST
mayawati expels samasuddin rain from bsp for indiscipline

सार

बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ और कानपुर मंडल के प्रभारी समसुद्दीन राईन को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उन पर अनुशासनहीनता और गुटबाजी के आरोप लगे थे। मायावती ने कहा कि आगामी यूपी चुनाव बसपा अकेले लड़ेगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा कदम उठाते हुए बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने पार्टी के लखनऊ और कानपुर मंडल के प्रभारी समसुद्दीन राईन को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई अनुशासनहीनता और गुटबाजी के आरोपों के चलते की गई है। पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, झांसी निवासी समसुद्दीन राईन को बसपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

कई बार दी गई चेतावनी, फिर भी नहीं सुधरे राईन

बसपा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि समसुद्दीन राईन को पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद उनकी कार्यशैली और व्यवहार में कोई सुधार नहीं देखा गया। पार्टी ने बताया कि राईन की गतिविधियां संगठन में गुटबाजी को बढ़ावा दे रही थीं, जिससे पार्टी अनुशासन प्रभावित हो रहा था। यह मामला जब बीएसपी प्रमुख मायावती के संज्ञान में लाया गया, तो उन्होंने पार्टी हित में कठोर निर्णय लेते हुए समसुद्दीन राईन को निष्कासित करने का आदेश दिया।

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मायावती का ऐलान, अगला यूपी चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा

बीएसपी प्रमुख मायावती ने हाल ही में संकेत दिया था कि पार्टी अगला विधानसभा चुनाव बिना किसी गठबंधन के लड़ेगी। उन्होंने कहा कि अब तक के सभी राजनीतिक गठबंधनों से बसपा को नुकसान ही हुआ है, जबकि सहयोगी दलों को फायदा पहुंचा।

उन्होंने कांशीराम के 19वें परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ में आयोजित एक रैली में कहा था –

“अब तक के अपने अनुभव के आधार पर, मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि जब भी हमारी पार्टी ने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा है, खासकर उत्तर प्रदेश में, हमें कोई विशेष लाभ नहीं हुआ।”

बसपा में अनुशासन पर मायावती का जोर

बसपा प्रमुख हमेशा से पार्टी अनुशासन और संगठन की एकता पर जोर देती रही हैं। समसुद्दीन राईन पर कार्रवाई को भी इसी नीति का हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह फैसला आने वाले चुनावों से पहले संगठन को मजबूत करने और आंतरिक असंतोष को खत्म करने के उद्देश्य से लिया गया है। समसुद्दीन राईन की निष्कासन कार्रवाई से स्पष्ट है कि मायावती आने वाले चुनावों से पहले पार्टी अनुशासन और संगठन की एकजुटता पर किसी तरह का समझौता नहीं करेंगी।

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