
Yogi Government: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की कृषि नीतियों को किसानों का पूरा सहयोग मिल रहा है। धान खरीद सत्र 2025-26 में किसानों ने रिकॉर्ड पंजीकरण कराया है। सरकार के प्रयासों से किसानों को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का लाभ सीधे उनके बैंक खातों में मिल रहा है।
धान बिक्री के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 1 सितंबर से शुरू हुई थी। 23 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे तक 1,37,166 किसानों ने पंजीकरण करा लिया है। पंजीकरण की सुविधा www.fcs.up.gov.in वेबसाइट और UP Kisan Mitra मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है। सरकार ने ओटीपी आधारित सिंगल पंजीकरण सिस्टम शुरू किया है, जिससे किसान अपने मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी डालकर आसानी से पंजीकरण कर सकते हैं। किसानों को भुगतान सीधे उनके आधार लिंक्ड बैंक खाते में किया जा रहा है।
1 अक्टूबर से धान खरीद की प्रक्रिया पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शुरू हुई। इसमें मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़ और झांसी संभाग शामिल हैं। इसके अलावा लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर में भी धान खरीदा जा रहा है। सिर्फ 23 दिनों में 35.63 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद हो चुकी है। सरकार ने इस सत्र में 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है।
योगी सरकार ने इस वर्ष धान के एमएसपी (Minimum Support Price) में बढ़ोतरी की है।
किसानों को धान की बिक्री के 48 घंटे के भीतर भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं। धान खरीद के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक क्रय केंद्र खुले रहते हैं। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 17 प्रतिशत तक नमी वाला धान खरीदा जा सकता है।
धान खरीद के लिए योगी सरकार ने 4000 क्रय केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। अब तक 3790 केंद्रों पर खरीद शुरू हो चुकी है। ये क्रय केंद्र किसानों के लिए बेहद सुविधाजनक साबित हो रहे हैं, जहां उन्हें सरकारी दर पर अपनी उपज बेचने का मौका मिल रहा है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1 नवंबर से धान खरीद की शुरुआत होगी। यह प्रक्रिया चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर और प्रयागराज संभाग में होगी। इसके साथ ही लखनऊ, रायबरेली और उन्नाव जनपदों में भी पहली नवंबर से खरीद शुरू होगी, जो 28 फरवरी 2026 तक चलेगी।
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