यूपी के मेरठ में बच्चों के विवाद में कहासुनी के बाद फायरिंग का मामला सामने आया है। घटना के बाद गांव को छावनी में बदल दिया गया है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती मौके पर है।
मेरठ: बच्चों के विवाद में रविवार रात को दो पक्षों में विवाद के बाद गोली चल गई। गोली लगने के चलते महिला और युवक की मौत का मामला सामने आया। इस दोहरे हत्याकांड के बाद सनसनी मच गई है। वहीं मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर अधिकारी पहुंचे। इस बीच लोगों को कंट्रोल करने का प्रयास किया गया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
कहासुनी के बाद बढ़ा विवाद और हुई गोलीबारी
आपको बता दें कि यह घटना खरखौदा थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव से सामने आई। यहां देर रात बच्चों में विवाद के बाद दो पक्ष आमने सामने आ गए। गांव में ज्यादातर आबादी मुस्लिम है। यहां कहासुनी के बाद विवाद बढ़ा और एक पक्ष के द्वारा धर्मस्थल पर घुसकर गोलियां बरसानी शुरू कर दी गईं। गोलीबारी के दौरान दूसरे पक्ष के दूध कारोबारी मैराज को गोली लग गई। 35 वर्षीय मैराज को घायल होता देखकर दूसरे पक्ष ने भी फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान पहले पक्ष के इकबाल की पत्नी अफरोज को गोली लग गई और वह लहूलुहान होकर गिर गई। घटना के बाद गांव में सनसनी मची हुई है और लोगों में दहशत है। घटना के बाद लोग अपने घर के दरवाजे बंद कर घरों में कैद हो गए। ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि दो दिन पहले ही गांव के एक ही समाज इकबाल और मेहराज के बच्चों के बीच कहासुनी हुई थी। घटना के बाद ग्रामीणों ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत कर दिया था। हालांकि रविवार को रोजा इफ्तार के बाद में जब गांव के लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ने के लिए एकजुट हुए तो दोनों पक्ष भी वहां पर पहुंचे। इसी दौरान कहासुनी और विवाद सामने आया।
पुलिस के पहुंचने के बाद लोगों में दिखी नाराजगी
बताया गया कि मस्जिद के बाहर ही शुरू हुई कहासुनी के बाद दोनों पक्षों में फायरिंग हुई। इसमें मेहराज और इकबाल की पत्नी अफरोज को गोली लगी। दोनों को लेकर परिजन अलग-अलग अस्पताल पहुंचे लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। वहीं इन हत्याओं की सूचना पर पुलिस के पहुंचने के बाद भी दोनों पक्ष आपस में भिड़ने को तैयार थे। समय रहते दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। इस बीच मौके पर शांति व्यवस्था को बहान करने को लेकर सलेमपुर में भारी संख्या में फोर्स की तैनाती कर दी गई है। मेहराज के पक्ष के द्वारा बताया गया कि इकबाल के पक्ष ने पहले ही मस्जिद के सामने ही गोली मारकर एक शख्स को मौत के घाट उतार दिया था। मेहराज की मौत के बाद दूसरे पक्ष को फंसाने के लिए स्वंय ही अफरोज को गोली मार दी गई। इससे अफरोज की मौत हो गई।