दिल्ली ब्लास्ट में झुलस गई एक मेहनतकश की उम्मीदें! मेरठ के मोहसिन की दर्दनाक मौत

Published : Nov 11, 2025, 03:30 PM IST
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सार

दिल्ली लाल किले के पास हुए ब्लास्ट में मेरठ के ई-रिक्शा चालक मोहसिन की दर्दनाक मौत हो गई। मोहसिन अपने परिवार का पेट मेहनत से पालता था। हादसे के बाद परिवार में कोहराम मचा है और अब सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई जा रही है।

राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट ने एक मेहनतकश परिवार की दुनिया उजाड़ दी। इस हादसे में मेरठ के रहने वाले 35 वर्षीय मोहसिन की मौके पर ही मौत हो गई। मोहसिन अपनी मेहनत से परिवार का पेट पालने वाला एक ई-रिक्शा चालक था, जो हर दिन की कमाई से घर चलाता था।

ब्लास्ट के वक्त सवारी लेकर जा रहा था मोहसिन

जानकारी के मुताबिक, घटना के समय मोहसिन ई-रिक्शा में सवारी लेकर जा रहा था। तभी अचानक ब्लास्ट हुआ और मोहसिन उसकी चपेट में आ गया। हादसा इतना भीषण था कि उसे बचाया नहीं जा सका। पुलिस और राहत टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

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दो साल पहले ही दिल्ली आया था काम की तलाश में

मोहसिन की शादी करीब 10 साल पहले हुई थी। उसके पांच और भाई भी हैं, जो मजदूरी कर अपने-अपने परिवार का गुजारा करते हैं। करीब दो साल पहले मोहसिन बेहतर रोजगार की तलाश में मेरठ से दिल्ली चला गया था और वहीं अपनी पत्नी और बच्चों के साथ किराए के मकान में रह रहा था।

मौत की खबर से परिवार में मचा कोहराम

मोहसिन की मौत की खबर जैसे ही मेरठ पहुंची, परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। गांव में मातम छा गया। मोहसिन का छोटा बेटा बार-बार पिता को बुला रहा है, जबकि मां का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन कहते हैं कि मोहसिन ही परिवार की एकमात्र कमाई का सहारा था।

शव को लेकर दिल्ली और मेरठ में विवाद

हादसे के बाद मोहसिन के शव को लेकर दोनों पक्षों में मतभेद हो गया। पत्नी और ससुराल पक्ष चाह रहे थे कि उसे दिल्ली में ही दफनाया जाए, जबकि पिता और परिवार का कहना था कि अंतिम संस्कार मेरठ में होना चाहिए। कई घंटे की चर्चा के बाद प्रशासन के हस्तक्षेप से स्थिति शांत हुई।

परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई

मोहसिन का परिवार अब सरकार से आर्थिक सहायता की मांग कर रहा है। परिवार का कहना है कि घर में कमाने वाला कोई नहीं बचा है, और बच्चों की परवरिश बड़ी चुनौती बन गई है। उन्होंने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन से मदद की अपील की है ताकि वे दोबारा खड़े हो सकें।

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