बुलंदशहर के खुर्जा के अद्भुत हनुमान, अपने अंदर भरे बैठे हैं 'राम नाम' लिखी 2 करोड़ डायरियां और पन्ने

Published : Oct 23, 2023, 03:55 PM ISTUpdated : Oct 23, 2023, 04:00 PM IST
Miraculous and popular Khurja Durga Hanuman Temple of Bulandshahr

सार

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की खुर्जा तहसील में स्थित दुर्गा मंदिर में विराजे हनुमान देश-दुनिया में चर्चा का विषय बने रहते हैं। हनुमान मूर्ति की खासियत इसमें रखीं 2 करोड़ राम नाम डायरियां और पन्ने हैं। 

बुलंदशहर. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की खुर्जा तहसील में स्थित दुर्गा मंदिर में विराजे हनुमान देश-दुनिया में चर्चा का विषय बने रहते हैं। हनुमान मूर्ति की खासियत इसमें रखीं 2 करोड़ राम नाम डायरियां और पन्ने हैं। 16 फीट ऊंची और 12 फीट चौड़ी मूर्ति को लेकर दावा किया जाता है कि इतने राम दुनिया की किसी भी मूर्ति में देखने को नहीं मिलेंगे।

बुलंदशहर के खुर्जा मंदिर हनुमान की कहानी, पढ़िए 10 बड़ी बातें

1.बुलंदशहर के खुर्जा स्थित श्री नव दुर्गा शक्ति मंदिर में नवरात्र पर विशेष भीड़ जुटती है। यहां आने वाले देवी के भक्त भव्य हनुमान मूर्ति के दर्शन करके खुद को धन्य समझते हैं।

2. मंदिर समिति का दावा है कि यहां विराजी हनुमान मूर्ति में 2 करोड़ राम-राम महामंत्र लिखी डायरियां और पन्न भरे हुए हैं। ऐसा दुनिया की किसी हनुमान मूर्ति में नहीं है।

3. इस मूर्ति को बलिया से आए कलाकारों ने गढ़ा है। मूर्ति को अंदर से खोखला रखा गया है। इसमें श्रीराम महामंत्र लिखीं डायरियां और पन्ने भर दिए गए।

4. मंदिर समिति के अनुसार, श्री नवदुर्गा शक्ति मंदिर में हनुमानजी की मूर्ति की स्थापना के समय 1995 से 97 तक महामंत्र का जाप हुआ था। इसका नेतृत्व हरिहर बाबा ने किया था।

5. जब मंदिर में मूर्ति की स्थापना की जा रही थी तब हरिहर बाबा ने एक शर्त रखी थी। उन्होंने कहा था कि जो भी एक लाख बार राम नाम लिखेगा, वे उसके घर चाय पीने आएंगे।

6. हरिहर बाबा ने कहा था कि 2 लाख बार श्रीराम नाम लिखने पर वे उसके घर नाश्ता, जबकि 5 लाख बार राम नाम लिखने पर भोजन करने पहुंचेंगे।

7. हरिहर बाबा के इस ऐलान के बाद लोगों में श्रीराम नाम लिखने का उत्साह उमड़ पड़ा था। राम नाम लिखने का काम पूरा होने के बाद डायरियां और पन्ने हनुमान जी की मूर्ति के अंदर भर दिए गए।

8.इस मंदिर की स्थापना को लेकर भी एक अजब कहानी है। श्री नवदुर्गा शक्ति मंदिर के आजीवन सचिव रोहित अग्रवाल के अनुसार, 1990 में उनके पिता डॉ. मोहनलाल को सपना आया था। इसके बाद 1991 में खुर्जा में मंदिर का निर्माण शुरू किया गया।

9. मंदिर का निर्माण करीब 4 साल तक चला। 1995 में मंदिर में मां की मूर्ति स्थापित की गई। रथ पर बैठीं मां की मूर्ति नौ स्वरूपों में हैं।

10.गणेश जी रथ को चला रहे हैं। साथ में हनुमान और भैरव भी हैं। इस मूर्ति को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।

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