रेसलरों की ओर से लगाए गए यौन शौषण के आरोपों के बीच सांसद बृजभूषण शरण सिंह की एक कविता सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। माना जा रहा है कि उन्होंने कविता माध्यम से अपने विचार रखे हैं।
बहराइच: भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला रेसलरों के द्वारा यौन शोषण के आरोप लगाए गए हैं। इस बीच उन पर कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना भी जारी है। खुद पर लगे आरोपों के बीच सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने चुप्पी तोड़ी और एक कविता के जरिए कई आरोपों और सवालों का जवाब दिया।
भावुक संदेश सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल
सांसद बृजभूषण शरण सिंह का यह भावुक संदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस कविता को वह आज की परिस्थितियों पर सुना रहे हैं। कविता में उनके द्वारा कहा गया कि जिस दिन मैं यह समझ लूंगा की मुझमें संघर्ष करने की क्षमता नहीं, उस दिन मौत को अपने समीप देखूंगा। मित्रों जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मैं लाचार हूं, बेचारा हूं... ऐसी जिंदगी जीना मैं पसंद नहीं करूंगा। इस वीडियो को सांसद के प्रतिनिधि (निजी सचिव) संजीव सिंह ने अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया।
कहा- नहीं जीना पसंद करूंगा ऐसा जीवन
सांसद बृजभूषण शरण सिंह इस कविता की पंक्तियों में कहते हैं कि 'मित्रो जिस दिन जीवन के हानि लाभ पर उतरूंगा, जिस दिन जीवन के हानि लाभ पर उतरूंगा, जिस दिन संघर्षों पर जाली लग जाएगी, जिस दिन जीवन की लाचारी मुझ पर तरस दिखाएगी, जिस दिन जीवन की लाचारी मुझ पर तरस दिखाएगी उस दिन जीवन से मृत्यु कहीं बढ़ जाएगी।' इन पंक्तियों को गुनगाने के बाद सांसद कहते हैं कि' मित्रों, जिस दिन मैं अपने जीवन की समीक्षा करूंगा क्या खोया, क्या पाया और जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मेरे संघर्ष करने की क्षमता अब समाप्त हो गई है। जिस दिन मैं महसूस करूंगा मैं लाचार हूं, मैं बेचारा हूं, ऐसी जिंदगी जीना मैं पसंद नहीं करूंगा।' सांसद की यह कविता सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। माना जा रहा है कि इस वीडियो के माध्यम से अपनी बातों को रखा है।