अब नहीं रहेगी 'मुलायम कोठी'! मुरादाबाद में सपा को मिला प्रशासन का नोटिस

Published : Aug 01, 2025, 11:59 AM IST
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सार

Mulayam Singh Yadav Property News: मुरादाबाद में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नाम पर आवंटित कोठी का आवंटन जिला प्रशासन ने निरस्त कर दिया है। अब समाजवादी पार्टी को एक महीने के भीतर सरकारी भवन खाली करना होगा, नहीं तो लगेगा जुर्माना।

SP Party Office Moradabad: मुरादाबाद की सियासत में इन दिनों एक पुरानी कोठी की चर्चा जोरों पर है। वजह है, यह वही कोठी है जो समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के नाम पर 1994 में आवंटित की गई थी। अब जिला प्रशासन ने इस कोठी का आवंटन निरस्त कर दिया है और सपा को इसे खाली करने का आदेश दिया गया है। यह फैसला एक साधारण कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।

यह कोठी कहां है और क्यों है खास?

यह कोठी मुरादाबाद के प्रतिष्ठित सिविल लाइंस इलाके में स्थित है, जहां पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज समेत कई सरकारी कार्यालय मौजूद हैं। लगभग 1000 वर्ग मीटर में फैली इस कोठी को 1994 में मुलायम सिंह यादव के नाम पर महज 250 रुपये मासिक किराए पर आवंटित किया गया था। तभी से यहां समाजवादी पार्टी का जिला कार्यालय संचालित होता आ रहा था। अब, तीन दशक बाद, यह संपत्ति प्रशासन के नियंत्रण में लौटाई जा रही है।

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आख़िर क्या वजह रही कोठी का आवंटन रद्द करने की?

प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद कोठी का नामांतरण नहीं कराया गया था, जबकि सरकारी नियमों के अनुसार ऐसा किया जाना अनिवार्य होता है। नामांतरण की प्रक्रिया पूरी न होने पर प्रशासन को आवंटन निरस्त करने का अधिकार होता है। इसी आधार पर जिलाधिकारी अनुज सिंह के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।

अब इस कोठी का क्या होगा?

मुरादाबाद प्रशासन के मुताबिक, वर्तमान में सरकारी योजनाओं और अधिकारियों के आवास के लिए भूमि की आवश्यकता है। ऐसे में यह भवन शासकीय हित में इस्तेमाल किया जा सके, इसलिए इसे खाली कराना जरूरी हो गया है। यही कारण है कि समाजवादी पार्टी की स्थानीय इकाई को नोटिस जारी कर एक महीने के भीतर कोठी खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।

एडीएम (वित्त) द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि तय समयसीमा के भीतर कोठी खाली नहीं की जाती, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, हर दिन के हिसाब से 1000 रुपये जुर्माना भी वसूला जाएगा। यह चेतावनी समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष को भेजी गई है।

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