
जिस पुलिस पर आम लोगों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी होती है, वही जब कानून को जेब में रखने लगे तो भरोसे पर गहरा सवाल खड़ा हो जाता है। उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि को एक बार फिर झटका लगा है। गाजियाबाद के मुरादनगर थाने में तैनात महिला दरोगा और एक सिपाही को मेरठ एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई न सिर्फ पुलिस विभाग के भीतर चल रही कथित अवैध वसूली की पोल खोलती है, बल्कि आम नागरिकों की मजबूरी को भी उजागर करती है।
मुरादनगर थाने के पिंक बूथ की प्रभारी महिला दरोगा प्रिया सिंह और उनके सहयोगी सिपाही शाहिद को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। दोनों ने मिलकर एक पारिवारिक विवाद के मामले में सौदेबाजी का कथित प्लान बनाया था, लेकिन एंटी करप्शन टीम की मुस्तैदी के आगे यह पूरा खेल बेनकाब हो गया।
यह मामला मेरठ सदर तहसील में तैनात लेखपाल रजनीश से जुड़ा है। रजनीश की पत्नी चंचल ने उनके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके चलते रजनीश को जेल भी जाना पड़ा था। इस केस की विवेचना मुरादनगर थाने की पिंक बूथ प्रभारी दरोगा प्रिया सिंह के पास थी।
आरोप है कि इसी विवेचना के दौरान दरोगा ने केस का दबाव बनाकर रजनीश से सौदेबाजी शुरू कर दी। रजनीश के अनुसार, दरोगा ने दो शर्तें रखीं- पहली, मुकदमे से उसके बुजुर्ग माता-पिता का नाम हटाया जाएगा। दूसरी, केस में अन्य गंभीर धाराएं नहीं बढ़ाई जाएंगी।
यह भी पढ़ें: तस्वीरों से मचा सियासी तूफान, कोडीन सिंडीकेट पर संजय निषाद का बड़ा बयान
इन शर्तों के बदले दरोगा प्रिया सिंह ने कथित तौर पर 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। काफी मान-मनौव्वल के बाद यह सौदा 50 हजार रुपये में तय हुआ। इस पूरी डीलिंग में सिपाही शाहिद ने बिचौलिए की भूमिका निभाई। दरोगा की लगातार धमकियों और पैसों की मांग से परेशान होकर रजनीश ने आखिरकार मेरठ एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया और पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत का सत्यापन करने के बाद एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया। शुक्रवार को जैसे ही रजनीश ने मुरादनगर थाने के भीतर दरोगा प्रिया सिंह और सिपाही शाहिद को 50 हजार रुपये नकद दिए, पहले से मौजूद टीम ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई मेरठ एंटी करप्शन टीम की इंस्पेक्टर अर्चना के नेतृत्व में की गई। टीम में इंस्पेक्टर योगेश धामा, एसआई राहुल देव तोमर सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे। गिरफ्तारी की खबर से गाजियाबाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।
शिकायतकर्ता रजनीश ने बताया कि शुरुआत में उससे 2 लाख रुपये की मांग की गई थी। दरोगा बार-बार धमकी दे रही थीं कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो उसके माता-पिता का नाम केस से नहीं हटेगा और उसे नए मामलों में फंसा दिया जाएगा। मजबूरी में उसने एंटी करप्शन टीम की मदद लेने का फैसला किया।
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को मोदीनगर थाने लाया गया, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके बाद एंटी करप्शन टीम दोनों को अपने साथ मेरठ ले गई, जहां उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है। यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि जब न्याय की चौकी में ही सौदेबाजी होने लगे, तो आम आदमी आखिर भरोसा किस पर करे।
यह भी पढ़ें: नपुंसक पति, मारपीट और जेठ की बदतमीजी: CA दुल्हन की आपबीती सुन कांप उठे अफसर!
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।