मुस्लिम को नहीं लिव इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार, जानिये हाईकोर्ट का आदेश

Published : May 08, 2024, 04:15 PM ISTUpdated : May 08, 2024, 05:22 PM IST
muslim couple

सार

मुस्लिम को लिव इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार नहीं है। ये हम नहीं कह रहे हैं। ये तो इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है। आईये जानते हैं क्या है मामला।

इलाहबाद. लिव इन रिलेशनशिप के एक मामले में सुनवाई के बाद आदेश देते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट ने साफ कह दिया है कि मुस्लिम को लिव इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मुस्लिम जिस रीति रिवाज को मानता है। वह भी उसे लिव इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार नहीं देता है।

लिव इन रिलेशनशिप के लिए लगाई याचिका

दरअसल ये आदेश कोर्ट द्वारा उस मामले में दिया गया है। जिसमें एक मुस्लिम पक्ष द्वारा याचिका लगाई गई थी। जिस मुस्लिम द्वारा ये याचिका लगाई गई थी। वह पहले से शादीशुदा है। उसकी एक बेटी भी है। इसके बावजूद वह लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहता था। हालांकि उसकी पत्नी को इससे कोई एतराज नहीं था। इस मामले में कोर्ट में याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया कि मुस्लिम व्यक्ति की पत्नी को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं थी। उसे अपने पति के साथ हिंदू महिला के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रखने पर कोई आपत्ति नहीं थी। क्योंकि वह महिला कई प्रकार की बीमारियों से पीड़ित थी। याचिकाकर्ता द्वारा लिव इन रिलेशनशिप के​ रिश्ते को वैध बनाने के लिए ही याचिका लगाई गई थी। लेकिन कोर्ट ने साफ कह दिया कि मुस्लिम शख्स की अगर पहले से जीवनसंगिनी है तो वह लिव इन रिलेशनशिप का दावा नहीं कर सकता है।

यह भी पढ़ें : 34 साल के लवर का एग्रीमेंट, 7 रात पत्नी और 7 प्रेमिका के साथ गुजराने का वादा

ये था कोर्ट का साफ कहना

इलाहबाद हाईकोर्ट का साफ कहना है कि इस्लाम धर्म को मानने वाला कोई भी व्यक्ति लिव इन रिलेशनशिप में रहने का दावा नहीं कर सकता है। जबकि उसकी पहले से कोई जीवन संगिनी हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि मुस्लिम जिन ​रीति रिवाजों को मानता है। उसके अनुसार भी उसे लिव इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार नहीं दिया जाता है।

यह भी पढ़ें : पति के सोने के बाद भी पत्नी आधी रात तक करती थी वो काम, पति की सेहत होने लगी खराब

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

4 साल इंतजार के बाद पैदा हुए बच्चे की 23वें दिन नींद में मौत, पैरेंट्स को अलर्ट करने वाली खबर!
ये हैं भदोही की रेखा : कभी सिलाई करती थीं, अब बना रहीं डिटर्जेंट पाउडर