सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई नेहा सिंह राठौर की याचिका, अब कभी भी हो सकती गिरफ्तारी!

Published : Oct 13, 2025, 10:26 PM IST
neha singh rathore supreme court sedition case

सार

लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका। देशद्रोह केस में FIR रद्द करने की मांग ठुकराई गई। बीजेपी और केंद्र सरकार पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के मामले में गिरफ्तारी की आशंका बढ़ी, कोर्ट ने जांच में दखल से इंकार किया।

उत्तर प्रदेश की चर्चित लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने न केवल एफआईआर रद्द करने से इनकार किया, बल्कि उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से भी मना कर दिया। यह मामला पहलगाम आतंकी हमले के दौरान सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने का है, जिसके बाद नेहा पर देशद्रोह और देश विरोधी भावनाएं भड़काने के आरोप लगाए गए थे।

कवि अभय प्रताप सिंह ने दर्ज कराई थी FIR

नेहा के खिलाफ मुकदमा उत्तर प्रदेश के लखनऊ के हजरतगंज थाना क्षेत्र में दर्ज किया गया था। एफआईआर राष्ट्रीय कवि अभय प्रताप सिंह ने कराई थी, जिनका आरोप है कि नेहा ने देशविरोधी सामग्री पोस्ट की और उसके बाद वो सामग्री पाकिस्तान में भी शेयर की गई। एफआईआर में कहा गया है कि नेहा ने अपने पोस्ट के ज़रिए शांति व्यवस्था भंग करने और देश की एकता को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। कवि अभय प्रताप ने इसे “देशद्रोही मानसिकता का उदाहरण” बताया था।

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वकील कपिल सिब्बल ने कहा – देशद्रोह की धाराएं गलत

नेहा सिंह राठौर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि उनके मुवक्किल पर लगाए गए देशद्रोह जैसे गंभीर आरोप गैरकानूनी और असंवैधानिक हैं। उन्होंने कहा कि "एक पोस्ट या विचार व्यक्त करना देशद्रोह नहीं हो सकता।" सिब्बल ने यह भी बताया कि एफआईआर में कई धाराएं बिना आधार के जोड़ी गई हैं और उनका उद्देश्य केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाना है।

सुप्रीम कोर्ट ने दी साफ टिप्पणी, बोले – अदालत जांच में दखल नहीं दे सकती

इस पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने कहा कि एफआईआर दर्ज हो चुकी है और मामले की जांच जारी है, इसलिए अदालत इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती। पीठ ने कहा कि “एफआईआर में दर्ज तथ्यों की सत्यता जांच का विषय है, न कि न्यायालय का।” सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट करते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि नेहा को राहत देने का कोई आधार नहीं बनता।

गिरफ्तारी की आशंका बढ़ी

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद नेहा सिंह राठौर की गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई है। फिलहाल वह मामले में केवल कुछ धाराओं को हटाने की मांग कर रही थीं, लेकिन अब पूरा मामला यूपी पुलिस के अधीन है और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पुलिस को असंतोषजनक जवाब मिला, तो उन्हें कभी भी हिरासत में लिया जा सकता है।

सोशल मीडिया पर समर्थन और विवाद दोनों जारी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर नेहा के समर्थन और विरोध दोनों ही जताए जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है, जबकि अन्य लोग इसे देशद्रोही विचारों को प्रचारित करने का प्रयास बता रहे हैं।

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