
नोएडा सेक्टर 39 के नाले में मिली सिरकटी लाश का रहस्य अब पूरी तरह बेनकाब हो चुका है. दस दिन तक चली जांच, सैकड़ों सवाल और बेशुमार शक, इन सबके बीच पुलिस को एक मामूली चांदी के एंक्लेट ने उस सच तक पहुंचाया, जिसने पूरे मामले को पल भर में उलट दिया. यह केस सिर्फ हत्या की नहीं, बल्कि जुनूनी प्रेम, धोखे और खौफनाक फैसले की कहानी भी बन गया है.
6 नवंबर की सुबह सेक्टर 39 के नाले में एक महिला का धड़ तैरता मिला. सिर गायब होने के कारण पहचान लगभग असंभव थी. फोरेंसिक टीम ने जांच की और मृतका की लंबाई करीब 5 फीट 4 इंच होने का अनुमान लगाया. पैरों में मिला चांदी का एंक्लेट ही एकमात्र सुराग था, जो बाद में जांच की धुरी बन गया. शव की पहचान के लिए दिल्ली, नोएडा और आसपास के जिलों में अलर्ट भेजा गया. 40 टीमों ने मिसिंग पर्सन रिकॉर्ड से लेकर क्राइम ब्यूरो तक का हर डेटा खंगाला, लेकिन सुराग गायब थे.
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DCP यमुना प्रसाद के मुताबिक केस पहचान न होने के कारण बेहद पेंचीदा होता जा रहा था. इसके बाद 9 स्पेशल टीमें बनाई गईं, जिनके अलग-अलग टास्क थे-
इसी दौरान जांच बरौली पहुंची और पुलिस को पता चला कि ऐसा ही एंक्लेट पहनने वाली एक युवती प्रीति एक सप्ताह से गायब है. यह जानकारी केस का पहला बड़ा ब्रेकथ्रू बनी.
जांच में सामने आया कि प्रीति का एक बस ड्राइवर से प्रेम संबंध था. यह जानकारी मिलते ही पुलिस ने ड्राइवर पर निगरानी बढ़ाई और आखिरकार उसे हिरासत में लिया गया. बस की तलाशी में फर्श पर बिछी मैट से खून के निशान मिले. यही वह पल था जब जांच अचानक तेज मोड़ ले गई. आरोपी से सख्ती से पूछताछ की गई और उसने अंततः हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया.
आरोपी ड्राइवर ने बताया कि वह शादीशुदा है और तीन बच्चों का पिता है. इसके बावजूद उसके प्रीति से संबंध थे. कुछ समय से प्रीति उस पर पत्नी और बच्चों को छोड़कर उससे शादी करने का दबाव बना रही थी, जबकि वह इसके लिए तैयार नहीं था.
5 नवंबर की शाम उसने बहाने से प्रीति को अपनी बस में बुलाया और वहीं चाकू से उसका गला रेतकर हत्या कर दी. आरोपी ने-
पुलिस ने उसकी निशानदेही पर सारे सबूत बरामद कर लिए.
इस ब्लाइंड केस में न तो शव की पहचान थी, न कोई गवाह, न कोई सीधा फुटेज. लेकिन महिला के पैर में पहन रखा एक साधारण चांदी का एंक्लेट वह ‘की’ बन गया, जिसने पूरे रहस्य का ताला खोल दिया. नोएडा पुलिस की तेज, टेक्निकल और रणनीतिक जांच ने यह साबित कर दिया कि कोई भी केस कितना भी जटिल क्यों न हो, एक छोटी सी चीज भी सच तक पहुंचने का सबसे बड़ा रास्ता बन सकती है.
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