
Pawan Singh Jyoti Singh Controversy: भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच का विवाद अब न सिर्फ सोशल मीडिया बल्कि राजनीति के गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है। एक तरफ पवन सिंह का कहना है कि ज्योति राजनीति में कदम रखना चाहती हैं, वहीं ज्योति का कहना है कि वह सिर्फ इंसाफ की तलाश में हैं। हाल ही में ज्योति सिंह ने प्रशांत किशोर (PK) से मुलाकात कर कहा कि वह टिकट नहीं, बल्कि न्याय मांगने आई हैं। इस मुलाकात के बाद मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है।
ज्योति सिंह ने पहले क्षत्रिय समाज के प्रभावशाली नेताओं बृजभूषण शरण सिंह, धनंजय सिंह और सुशील सिंह से मदद की अपील की थी। उनका कहना है कि उन्हें अपने वैवाहिक जीवन में न्याय नहीं मिल रहा है और वह चाहती हैं कि समाज के बड़े लोग इस मामले में उनका साथ दें। लेकिन अब बृजभूषण शरण सिंह का स्पष्ट बयान सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है।
कैसरगंज से पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि पवन सिंह और ज्योति सिंह का विवाद पूरी तरह पारिवारिक है और कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने साफ कहा, “जब मामला एक बलिया में और एक बिहार में कोर्ट में चल रहा है, तो कोई भी बाहरी व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। जो अदालत तय करेगी, वही अंतिम होगा।” यह बयान आते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई कि क्या सच में ज्योति को अब किसी से मदद नहीं मिलेगी?
हाल ही में जब खबर आई कि पवन सिंह को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, तो लोग यह समझ बैठे कि यह उनके विवाद के कारण हुआ। लेकिन बृजभूषण शरण सिंह ने साफ कहा कि, “यह सुरक्षा उन्हें पहले से मिली हुई है। इसका इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। सुरक्षा का विषय सरकार और प्रशासन का होता है।”
कुछ दिन पहले ज्योति सिंह अपने भाई और बहन के साथ लखनऊ स्थित पवन सिंह के फ्लैट पर पहुंचीं। उनका आरोप है कि पवन ने पुलिस बुला ली। बाद में पवन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ज्योति उन पर विधानसभा टिकट दिलाने का दबाव बना रही थीं। इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोनों के बीच तलाक का केस बलिया कोर्ट में चल रहा है।
ज्योति सिंह ने जनसुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर से मुलाकात की और कहा कि वह टिकट नहीं बल्कि न्याय की मांग कर रही हैं। प्रशांत किशोर ने मदद का आश्वासन दिया है।
पवन सिंह और ज्योति सिंह दोनों ही अपने-अपने पक्ष पर अड़े हैं। बृजभूषण सिंह का बयान यह साफ कर गया है कि अब फैसला सिर्फ अदालत ही करेगी।
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