
Puja Pal Expulsion From Samajwadi party: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक ऐसा मोड़ आया है, जिसने एक महिला विधायक के पूरे राजनीतिक सफर की दिशा बदल दी। समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध विरोधी नीति की खुलकर सराहना की और नतीजा, पार्टी से निष्कासन। सवाल उठता है, आखिर किस वजह से पार्टी नेतृत्व इतना नाराज़ हुआ?
कौशांबी की चायल सीट से सपा विधायक पूजा पाल ने विधानसभा के मॉनसून सत्र में "विजन-2047" पर 24 घंटे की चर्चा के दौरान कहा कि उनके पति के हत्यारे अतीक अहमद को मिट्टी में मिलाने का काम सीएम योगी ने किया। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके छिपे आंसू देखे, जिन्हें वर्षों तक किसी ने नहीं देखा था।
15 अप्रैल 2023 को अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में हत्या के बाद पूजा पाल के सुर बदलते नज़र आए। उनका रुख सपा से ज़्यादा बीजेपी की नीतियों के प्रति नरम और समर्थन भरा होता चला गया।
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पूजा पाल की राजनीति का आरंभ एक व्यक्तिगत त्रासदी से हुआ। 2005 में उनके पति और बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का आरोप अतीक अहमद और उसके गिरोह पर लगा। पति की मौत के बाद पूजा पाल ने राजनीति में कदम रखा और 2007 व 2012 में प्रयागराज पश्चिम से बसपा विधायक रहीं। 2022 में समाजवादी पार्टी ने उन्हें चायल से टिकट दिया, जहां से उन्होंने जीत दर्ज की।
| वर्ष/घटना | विवरण |
| 2005 | पति व प्रयागराज पश्चिम के विधायक राजू पाल की हत्या; अतीक अहमद पर आरोप |
| 2007 | बहुजन समाज पार्टी (BSP) से प्रयागराज पश्चिम सीट से पहली बार विधायक बनीं |
| 2012 | दोबारा BSP से प्रयागराज पश्चिम से विधायक चुनी गईं |
| 2017 | चुनाव हार गईं |
| 2022 | समाजवादी पार्टी (SP) से कौशांबी के चायल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता |
| अगस्त 2025 | यूपी विधानसभा में CM योगी आदित्यनाथ की "जीरो टॉलरेंस" नीति की तारीफ की |
| अगस्त 2025 | "पार्टी विरोधी गतिविधियों" के आरोप में SP से निष्कासित |
यह पहली बार नहीं है जब पूजा पाल ने योगी आदित्यनाथ की खुलकर तारीफ की हो। राज्यसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने बीजेपी की मदद की थी और सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री को "भाई" कहा था। पिछले साल के उपचुनावों में भी उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को लाभ पहुंचाया।
सपा ने पूजा पाल के बयान को "पार्टी विरोधी गतिविधि" और "अनुशासनहीनता" बताया। पार्टी का मानना है कि विपक्षी नेता का मुख्यमंत्री की नीतियों का खुलकर समर्थन करना, खासकर चुनावी माहौल में, पार्टी की विचारधारा और रणनीति के खिलाफ है।
पूजा पाल के निष्कासन के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि क्या वे बीजेपी में शामिल होंगी। उनका बार-बार सीएम योगी की प्रशंसा करना इस संभावना को मज़बूत करता है। आने वाले महीनों में उनके अगले कदम से यूपी की सियासत में एक और बड़ा मोड़ आ सकता है।
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