माघ मेला 2026: ‘स्कैन टू फिक्स’ तकनीक से हाईटेक बिजली व्यवस्था, सोलर लाइट से जगमगाएगा संगम

Published : Dec 18, 2025, 07:20 AM IST
Prayagraj Magh Mela 2026 electricity arrangements

सार

3 जनवरी से शुरू होने वाले माघ मेले में बिजली विभाग ने हाईटेक तैयारियां की हैं। पहली बार ‘स्कैन टू फिक्स’ तकनीक, 15 हजार क्यूआर कोड, सोलर लाइट और 24×7 निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

प्रयागराज। संगम तट पर 3 जनवरी से शुरू होने वाले माघ मेले को लेकर सभी विभाग युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटे हैं। आस्था के इस विशाल जनसमागम में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए बिजली विभाग भी अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह सक्रिय है। करीब 800 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले माघ मेले में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस बार कई नए प्रयोग किए जा रहे हैं।

अस्थायी शहर को रोशन रखने के लिए विशेष विद्युत व्यवस्था

त्रिवेणी के तट पर 44 दिनों तक चलने वाले माघ मेले में संगम की रेत पर तंबुओं का एक अस्थायी शहर बसाया जा रहा है। इस पूरे क्षेत्र को रोशन रखने के लिए बिजली विभाग ने अपनी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। अधिशाषी अभियंता (माघ मेला) अशोक कुमार शर्मा के अनुसार, इस बार मेले में 350 किलोमीटर लंबी एलटी लाइन बिछाई जानी थी, जिसमें से 320 किलोमीटर लाइन बिछाई जा चुकी है। मेला क्षेत्र में करीब 7.5 लाख विद्युत कनेक्शन दिए जाएंगे और 24×7 निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

पहली बार माघ मेले में होगा ‘स्कैन टू फिक्स’ तकनीक का इस्तेमाल

इस बार माघ मेले में बिजली व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए पहली बार ‘स्कैन टू फिक्स’ तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। इसके जरिए बिजली से संबंधित किसी भी समस्या को तुरंत दर्ज कर उसका समाधान किया जाएगा। यह तकनीक मेले में बिजली व्यवस्था को और अधिक सुरक्षित, तेज और प्रभावी बनाएगी।

QR कोड से लैस होंगे 15 हजार से अधिक बिजली के पोल

‘स्कैन टू फिक्स’ तकनीक के तहत माघ मेले में हाईटेक बारकोड सिस्टम लागू किया गया है। अधिशाषी अभियंता अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि मेला क्षेत्र में लगाए गए हर बिजली के खंभे, लाइन और कनेक्शन पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे।

क्यूआर कोड स्कैन करते ही बिजली कर्मचारी सीधे कंट्रोल रूम से जुड़ जाएंगे और समस्या की सटीक जानकारी मिलते ही रिकॉर्ड समय में समाधान किया जाएगा। पूरे मेला क्षेत्र में 15 हजार से अधिक क्यूआर कोड लगाए गए हैं।

श्रद्धालुओं के लिए भी होगा QR कोड उपयोगी

क्यूआर कोड व्यवस्था का लाभ केवल बिजली विभाग तक सीमित नहीं रहेगा। श्रद्धालु भी अपनी लोकेशन पहचान सकेंगे और रास्ता भटकने की स्थिति में अपने परिवार या गंतव्य तक आसानी से पहुंच पाएंगे। इसके अलावा क्यूआर कोड स्कैन कर गूगल फॉर्म के माध्यम से बिजली से जुड़ी शिकायतों के साथ-साथ पानी की कमी, टूटी सड़कों जैसी अन्य समस्याएं भी दर्ज कराई जा सकेंगी।

बिजली गुल होने से बचाने के लिए रिंग मेन यूनिट की संख्या बढ़ी

मेला क्षेत्र में बिजली बाधित न हो, इसके लिए इस बार 5 रिंग मेन यूनिट लगाई जा रही हैं, जबकि पिछले माघ मेले में केवल एक यूनिट थी। इससे बिजली गुल होने की स्थिति में 10 सेकंड के भीतर आपूर्ति बहाल हो सकेगी।

सोलर लाइट से जगमगाएंगे संगम घाट और प्रमुख चौराहे

माघ मेले में बिजली व्यवस्था के लिए इस बार 32 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जो पिछले मेले की तुलना में करीब 10 प्रतिशत अधिक है। मेला क्षेत्र में 47 किलोमीटर एचटी लाइन और 350 किलोमीटर एलटी लाइन बिछाई जाएंगी। इसके साथ ही 25 बड़े और 35 छोटे सब स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें तीन-स्तरीय पावर बैकअप सिस्टम होगा।

25 हजार से अधिक एलईडी और हाइब्रिड सोलर लाइटें

पूरे माघ मेला क्षेत्र को रोशन रखने के लिए 25 हजार से अधिक एलईडी लाइटें लगाई जा रही हैं। इसके अलावा संगम के स्नान घाटों और प्रमुख चौराहों पर हाइब्रिड सोलर लाइटें लगाई जाएंगी, जो पर्यावरण के अनुकूल होंगी। आपात स्थिति से निपटने के लिए डीजी सेट की भी व्यवस्था की गई है, जिससे किसी भी हाल में बिजली आपूर्ति बाधित न हो।

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