महाकुम्भ 2025: संगम तट पर संस्कृति, पर्यावरण और पक्षियों का अनोखा मेल!

Published : Feb 13, 2025, 01:56 PM IST
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सार

महाकुम्भ 2025 में माघी पूर्णिमा के बाद भी फाल्गुन मास में त्रिवेणी तट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, जलवायु सम्मेलन और बर्ड फेस्टिवल का आयोजन होगा। कैलाश खेर, मोहित चौहान जैसे कलाकार प्रस्तुति देंगे और विभिन्न देशों से पक्षी देखने को मिलेंगे।

लखनऊ/महाकुम्भनगर, 13 फरवरीः योगी सरकार ने महाकुम्भ-2025 को अद्वितीय, अविस्मरणीय व अभूतपूर्व बना दिया है। इसमें माघ पूर्णिमा तक के स्नान संपन्न हो चुका है। इसके उपरांत फाल्गुन मास में भी त्रिवेणी तट पर संस्कृति, पर्यावरण व बर्ड फेस्टिवल का 'संगम' होगा। एक तरफ यहां त्रिवेणी, सरस्वती व यमुना पंडाल पर शुक्रवार से सांस्कृतिक गतिविधियां प्रारंभ होंगी तो वहीं 16 फरवरी को जलवायु सम्मेलन होगा। इस दिन से ही त्रिदिवसीय बर्ड फेस्टिवल भी आयोजित किया जाएगा। गंगा पंडाल पर गुरुवार से सांस्कृतिक आयोजन प्रारंभ हो गए। महाकुम्भ के मुख्य पंडाल 'गंगा' में अभी बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर, मोहित चौहान, कविता सेठ, नवदीप वडाली सरीखे कलाकारों के सुगम संगीत से श्रोता दो-चार होंगे।

सुरमयी सांझ से आगंतुक करेंगे भारतीय संस्कृति का दीदार माघ पूर्णिमा स्नान के उपरांत फाल्गुन मास में भी सुरमयी सांझ में श्रोता-दर्शक भारतीय संस्कृति का दीदार करेंगे। गंगा पंडाल पर गुरुवार से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारंभ हो गए, जबकि शुक्रवार से त्रिवेणी, यमुना व सरस्वती पंडाल पर कार्यक्रम शुरू होंगे। महाकुम्भ की अवधि के दौरान कैलाश खेर, मोहित चौहान, सुचेता भिड़े, कविता सेठ, नितिन मुकेश सरीखे नामचीन कलाकारों की भी प्रस्तुति होगी। इस दौरान शास्त्रीय संगीत, वायलिन, तबला, बांसुरी वादन, ध्रुपद गायन, भरतनाट्यम, कुचुपुड़ी, कथक, ओडिसी नृत्य आदि विधा के कलाकार महाकुम्भ में अपनी प्रतिभा बिखरेंगे।

16 से त्रिदिवसीय बर्ड फेस्टिवल का होगा आयोजन आस्था के साथ ही महाकुम्भ प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण होगा। सीएम योगी के निर्देश पर श्रद्धालुओं के लिए ईको टूरिज्म का विशेष प्लान भी बनाया गया है। 16 से 18 फरवरी तक अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल भी होगा, जिसमें लगभग 200 प्रजातियों के पक्षियों का महाकुम्भ भी होगा। इसमें लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर, फ्लेमिंगो और साइबेरियन क्रेन आदि का दीदार कर सकेंगे। यहां साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत लगभग एक दर्जन से अधिक देशों से साइबेरियन पक्षी का भी दीदार होगा। फेस्टिवल के दौरान फोटोग्राफी, पेंटिंग, नारा लेखन, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी समेत अनेक प्रतियोगिताएं होंगी, जिनके विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल भारतीय संस्कृति, प्रकृति प्रेम व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अनूठा मिश्रण होगा।

16 फरवरी को होगा जलवायु सम्मेलन यूपी के पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन विभाग की तरफ से महाकुम्भ में 'कुम्भ की आस्था व जलवायु परिवर्तन' पर जलवायु सम्मेलन भी होगा। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटना और जलवायु सुधार को लेकर प्रेरित करना है। सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिरकत करेंगे। साथ ही धर्मगुरु, पर्यावरणविद, अनेक सामाजिक संगठन, उद्योग व व्यापारिक जगत के साथ ही गणमान्य नागरिक भी हिस्सा लेंगे।

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