प्रयागराज उमेश पाल हत्याकांड में जांच के दौरान कई अन्य खुलासे भी हुए हैं। महीनों से उमेश के घर के आसपास की रेकी की जा रही थी। अपनी सुरक्षा को लेकर उन्होंने अधिकारियों को पत्र भी लिखा था।
प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड को लेकर नया खुलासा हुआ है। पड़ताल में पता लगा है कि उमेश की हत्या की प्लानिंग कई माह पहले ही बन गई थी। तकरीबन दो माह से उमेश के घर के आसपास कुछ संदिग्ध घूमते हुए दिखाई दिए। उमेश जिस दौरान घर से बाहर जाते उस समय भी वह संदिग्ध उनके आसपास ही नजर आते थे। उमेश ने जब तीन दिन तक लगातार ऐसे लोगों को देखा तो उन्होंने थाने जाकर अधिकारियों को प्रार्थनापत्र भी दिया था। इसी के साथ मामले में सुरक्षा की गुहार लगाई गई थी। इसी के मद्देनजर उनकी सुरक्षा में दूसरे सिपाही को भी तैनात किया गया था।
खतरे को पहचान गए थे उमेश
उमेश पाल की हत्या का साजिश काफी पहले ही रची गई थी सिर्फ कातिलों को मौके का इंतजार था। उमेश वैसे भी अपनी जान के खतरे के चलते काफी कम बाहर निकलते थे। हालांकि वह जब भी बाहर जाते तो उनकी नजर आसपास ही रहती थी। उमेश अच्छी तरह से जानते थे कि अतीक अपने दुश्मनों के खात्मे के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। उमेश तकरीबन दो माह पहले जब शाम को बाहर निकले तो उन्होंने कुछ संदिग्धों को देखा। वह आसपास ही खड़े थे। हालांकि वह मोबाइल पर बात करने और खरीददारी करने का नाटक कर रहे थे। सभी की निगाहें उमेश की ओर ही थीं। इन सभी को देखकर उमेश खतरे को भांप गए थे। अगले दिन जब वह फिर से बाहर निकले तो आसपास उन्हीं लोगों को देखा। तीसरे दिन भी वह शख्स आसपास दिखने पर उमेश ने थाने जाकर इसकी सूचना दी। थाने से तत्काल ही एक जीप मौके पर पहुंची लेकिन कोई भी नहीं मिला। उमेश ने इसको लेकर पुलिस के अलावा कुछ खास दोस्तों और वकीलों से भी साझा की। इसके बाद सभी के कहने पर ही उन्होंने सुरक्षा को लेकर पत्र भेजा था।
गारद हटने के बाद भी लिखा था अधिकारियों को पत्र
ज्ञात हो कि उमेश पाल को आठ सिपाहियों की गारद भी मिली हुई थी। यह सभी सिपाही इंसास रायफल से लैस थे। गली में घर होने के चलते दो लोग उसी जगह पर कुर्सी लगाकर बैठते थे जहां कातिलों ने घटना को अंजाम दिया। गारद को हटाए जाने के बाद उमेश ने तमाम अधिकारियों को पत्र भी लिखा था लेकिन उनके खतरे को गारद लायक नहीं समझा गया।
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