
लखनऊ: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के 10वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुई। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि 'वह जीवन में जो चाहते हैं उसके लिए प्रयास करें। राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर मेरे लिए भगवान हैं। उन्होंने कुछ ऐसा किया है जिसकी वजह से आज मैं यहां हूं।' राष्ट्रपति ने कार्यक्रम में कहा कि जिन लोगों को आज डिग्री मिल रही है उन विद्यार्थियों में 42 फीसदी लड़किया हैं। इसी के साथ गोल्ड मेडल पाने वाली भी 60 फीसदी छात्राएं हैं।
'टीचिंग के जरिए नई पीढ़ी को मजबूत करने की मिली जिम्मेदारी'
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरी अपील है कि कुछ विद्यार्थी अच्छे शिक्षक और प्रोफेसर बन गए हैं। नई शिक्षा नीति में भी इस बात का जिक्र है कि शिक्षकों को सुधार के मुख्य केंद्र में होना चाहिए। शिक्षा संस्कार और संस्कृत से जुड़ी रही है। टीचिंग एक ऐसा विषय है जिसके जरिए नई पीढ़ी को भविष्य मजबूत करने के लिए जिम्मेदारी मिली है। इसको लेकर सभी को प्रयास भी करना चाहिए।
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का भी किया जिक्र
इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने कहा कि बाबा साहेब के जीवन में जितना संघर्ष था उतना ही उल्लेखनीय उनका काम भी था। उन्होंने देश-विदेश से शिक्षा प्राप्त की और इसके लिए उनके द्वारा अनेक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। जीआईएस को लेकर उन्होंने कहा कि वह बीते दिन यूपी जीआईएस 2023 समारोह में शामिल हुई थीं। इस समिट के माध्यम से देश और प्रदेश में नई ऊर्जा का संचार भी हुआ। निवेशकों के लिए यूपी में अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। अब समय आ गया है कि हम अपने शिक्षण संस्थानों को इस अनुकूल वातावरण से जोड़े। भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईको सिस्टम वाला देश है। लिहाजा विवि से भी अपेक्षा की जाती है कि इस ईको सिस्टम का लाभ उठाते हुए विद्यार्थियों को रिसर्च और इनोवेशन के लिए प्रोत्साहित करें।
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