
कभी माफिया राज और पिछड़ेपन की छवि से पहचाने जाने वाला पूर्वांचल आज उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का सबसे मजबूत स्तंभ बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में धार्मिक महत्व वाले शहर वाराणसी और उसके आसपास के सीमावर्ती जिलों में उद्योग, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है। सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने में पूर्वांचल की निर्णायक भूमिका सुनिश्चित की जाए।
वाराणसी, जो विश्व के सबसे प्राचीन धार्मिक शहरों में से एक है, अब तेजी से औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। प्रदेश सरकार के अनुसार शहर में वर्तमान में 48 औद्योगिक परियोजनाएं कार्यरत हैं जिनमें 1180.95 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इनसे 3472 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिल चुका है। इतना ही नहीं, 48 नई परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है जिनमें 5702 करोड़ रुपये का निवेश और 12110 से अधिक रोजगार सृजन की संभावना है। कुल मिलाकर 15 हजार से अधिक लोगों की आजीविका यहां तैयार हो चुकी है।
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पूर्वांचल में बदलते माहौल से स्थानीय उद्योग जगत बेहद उत्साहित है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर के चौधरी का कहना है कि सरकार की निवेशक-हितैषी नीतियों ने उद्योगों के लिए एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म तैयार किया है। रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी की बेहतर सुविधाओं से व्यवसायिक गति को ताकत मिल रही है, जिससे छोटे और बड़े दोनों व्यापारी विकास की नई रफ्तार पकड़ रहे हैं।
सरकार के प्रयासों से पूर्वांचल में लॉजिस्टिक ढांचा भी मजबूत हो रहा है। कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नए कोल्ड स्टोरेज, पैकिंग और वेयरहाउसिंग सुविधाएं तेजी से विकसित हो रही हैं। इनसे किसानों को अपना उत्पाद बड़े बाजारों तक पहुंचाने में सहूलियत मिल रही है और बिचौलियों की निर्भरता घटने से उनकी आय में वृद्धि दर्ज की जा रही है।
अकेले वाराणसी में 2017 से अब तक 35,705 लाख रुपये से अधिक की 79 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। यह आंकड़ा बताता है कि विकास की गति कितनी तेज है।
गोरखपुर के धुरियापार में लगभग 5500 एकड़ में बड़े इंडस्ट्रियल टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। 17 गांवों में फैले इस क्षेत्र को रेल और सड़क दोनों से जोड़ा जा रहा है, जिससे यहां स्थापित होने वाले उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक्स आसान होगा। यह परियोजना पूर्वांचल को राष्ट्रीय औद्योगिक मानचित्र पर मजबूती से स्थान दिलाने वाली है।
योगी सरकार के प्रयासों से पूर्वांचल अब केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान तक सीमित नहीं है। यहां रोजगार के मजबूत अवसर, निवेश बढ़ाने वाला माहौल और आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का आधार बना रहा है। पूर्वांचल की यह प्रगति साबित कर रही है कि सही नीतियां और मजबूत इच्छाशक्ति हो तो बदलाव असंभव नहीं, बल्कि सुनिश्चित होता है।
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