यह जरूरी नहीं आप जो बोतलबंद पानी पी रहे हैं, वो 'अमृत' ही हो। उत्तर प्रदेश गाजियाबाद में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की टीम ने मोरटा इंडस्ट्रियल एरिय में मैसर्स रेड वीनस डिस्टलरी फैक्ट्री पर छापेमार कर ऐसा ही बोतलबंद पानी पकड़ा है।
गाजियाबाद. यह जरूरी नहीं आप जो बोतलबंद पानी पी रहे हैं, वो 'अमृत' ही हो। कई कंपनियां नियमों को तांक पर रखकर बोतलबंद पानी बेच रही हैं। ये हेल्थ के लिए ठीक नहीं है। उत्तर प्रदेश गाजियाबाद में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की टीम ने मोरटा इंडस्ट्रियल एरिय में मैसर्स रेड वीनस डिस्टलरी फैक्ट्री पर छापेमार कर ऐसा ही बोतलबंद पानी पकड़ा है।
BIS ज्वाइंट डायरेक्टर विक्रांत के अनुसार, इस कंपनी में बोतलबंद ड्रिंकिंग वॉटर की पैकिंग सिग्नेचर ब्रांड के नाम से हो रही थी। फैक्ट्री का लाइसेंस पहले ही खत्म हो चुका है। आशंका है कि ये पानी अशुद्ध हो सकता है। अशुद्ध पानी कई तरह की बीमारियां पैदा करता है।
गाजियाबाद में बोतलबंद पानी की फैक्ट्री पर BIS की रेड
विक्रांत ने बताया कि बोतलों पर पैकेजिंग डेट भी भी गड़बड़ी की जा रही थी। यानी बोतलों पर पानी की पैकेजिंग डेट आगे की लिखी जा रही थी। इस फैक्ट्री से BIS ने 3600 से अधिक क्रेट बोतलबंद पानी जब्त किया गया है। एक क्रेट में 12 लीटर पानी आता है। यानी करीब 43200 लीटर पानी जब्त किया गया है। सैम्पलिंग के लिए कुछ बोतलों का पानी सील किया गया है, ताकि उनकी शुद्धता जांची जा सके। जानकारी के मुताबिक, कंपनी रोज 36000 लीटर पानी बोतलों में पैक कर रही थी। कंपनी को लेकर किसी ने शिकायत की थी।
क्या पानी की भी एक्सपायरी डेट होती है?
आमतौर पर पानी खराब नहीं होता है। फिर भी उस पर एक्सपायरी डेट लिखी जाती है। क्योंकि एक समय के बाद पानी में प्लास्टिक घुलना शुरू हो जाता है। भारत में भारतीय मानक ब्यूरो(BIS) बोतलबंद पानी उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को लाइसेंस देती है, ताकि वे शुद्ध पानी मुहैया कराएं। BIS अधिनियम 2016 की धारा 17(3) के तहत BIS के लाइसेंस के बिना बोतलबंद पानी बेचना अपराध है। अगर अमेरिका जैसे देशों की बात करें, तो अमेरिका का फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा बोतलबंद पानी को रेग्यूलेट करता है।
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