हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 6 जून को किसानों और पुलिस के बीच महाभारत का मुद्दा मीडिया की सुर्खियों में है। सूरजमुखी यानी सन फ्लॉवर के न्यूनतम समर्थन मूल्य(Minimum Support Price) और फसलों से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर उग्र हो उठे थे। 

कुरुक्षेत्र. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 6 जून को किसानों और पुलिस के बीच महाभारत का मुद्दा मीडिया की सुर्खियों में है। सूरजमुखी यानी सन फ्लॉवर के न्यूनतम समर्थन मूल्य(Minimum Support Price) और फसलों से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर किसान उग्र हो उठे थे। किसानों ने हाईवे जाम कर दिया। वे पुलिस के समझाने पर भी रास्ता खोलने को तैयार नहीं हुए। आखिरकार पुलिस ने सख्ती दिखाकर सबको खदेड़ दिया। किसान मुद्दे को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी। हरियाणा सरकार ने MSP पर सनफ्लॉवर की फसल खरीदने से मना करा दिया है। (पहली तस्वीरें-@parkash_latiyan पर शेयर की गई हैं)

सनफ्लॉवर MSP मुद्दा और कुरुक्षेत्र में किसान आंदोलन

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 6 जून को किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की सख्ती का मामला गरमाया हुआ है। नेशनल हाईवे खाली कराने पहुंची पुलिस और किसानों के बीच तगड़ी झड़प हो गई। हाईकोर्ट के आदेश पर हरियाणा पुलिस किसानों को हाईवे से हटाने पहुंची थी, लेकिन उससे भिड़ गए। किसान सूरजमुखी की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की मांग कर रहे हैं।

किसानों ने दिल्ली-अमृतसर हाईवे पर जाम लगा रखा था। जब वे वहां से नहीं हटे, तो 6 जून को हरियाणा पुलिस उन्हें हटाने पहुंची। इस दौरान किसान भड़क उठे। लिहाजा पुलिस ने उग्र किसानों को खदेड़ने लाठीचार्ज किया। वॉटर केनन का इस्तेमाल भी किया। आखिर में किसान भाग खड़े हुए। पुलिस के इस एक्शन के बाद दिल्ली-अंबाला जीटी रोड खुल गया। इसके बंद रहने से ट्रैफिक पर बुरा असर पड़ रहा था।

किसान आंदोलन-कौन हैं किसान नेता गुरनाम चढूनी

हुआ यूं था कि कुरुक्षेत्र के शाहबाद उपमंडल में भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम चढूनी के ऐलान पर किसानों ने 6 जून की शाम अलग-अलग तीन सड़कों पर जाम लगा दिया था। इससे ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ गई। किसानों ने गन्नौर क्षेत्र में गांव सरढ़ाना के निकट खुबडू रोड, गोहाना क्षेत्र में गांव भैंसवान खुर्द के पास रोहतक मार्ग और गांव कथूरा के पास महम रोड पर जाम किया गया।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल, जिलाध्यक्ष अशोक लठवाल आदि नेता सरकार से अपने फैसले वापस लेने की मांग कर रहे थे। वे गिरफ्तार किसानों की रिहाई भी चाहते थे।

किसान आंदोलन से निपटने हरियाणा पुलिस के 700 से अधिक पुलिकर्मी तैनात किए गए थे। वहीं, 9 ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी वहां मौजूद थे। हैरानी की बात यह हे कि इसके बावजूद किसानों ने रास्ते बंद कर दिए थे। इस मामले में पुलिस ने 100 से अधिक किसानों पर केस दर्ज किया है।

Scroll to load tweet…

Scroll to load tweet…

Scroll to load tweet…

यह भी पढ़ें

India Weather Report: एक और चक्रवात 'बिपरजॉय' का खतरा, तूफानी हवाओं के साथ तेज बारिश का अलर्ट, जानिए कैसा रहेगा मौसम

MP के सीहोर में 300 फीट गहरे बोरवेल के घुप्प अंधेरे में मासूम, 10 PHOTOS के जरिये जानिए कैसे जानलेवा बना 'बच्चों का खेल'