
अयोध्या। श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या का विकास तेज गति से हो रहा है। अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बनाने के लिए कई बड़ी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। पर्यटन, विनिर्माण और नए उद्योगों के कारण शहर की अर्थव्यवस्था पहले से अधिक मजबूत हुई है और रोजगार के नए अवसर बढ़े हैं।
अयोध्याधाम रेलवे स्टेशन को आधुनिक और सुंदर रूप दिया गया है। हनुमानगढ़ी से श्रीराम जन्मभूमि तक भक्ति पथ का निर्माण पूरा हो गया है। महर्षि वाल्मीकि हवाई अड्डे का निर्माण भी सुगम्य अयोध्या परियोजना के तहत पूरी तरह से समाप्त हो चुका है।
सहादतगंज से नयाघाट तक लगभग 13 किलोमीटर लंबी चार लेन सड़क विकसित की गई है। वहीं अयोध्या–सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 330 और लता मंगेशकर चौक से गोरखपुर राजमार्ग तक धर्मपथ का चार लेन विस्तार भी पूरा हो चुका है।
मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, हनुमान, गरुण और जटायू नाम से छह भव्य प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। साथ ही शहर के 11 ब्लॉकों में मियावाकी तकनीक से 55 वैदिक वन विकसित किए गए हैं। ‘नव्य अयोध्या’ योजना में हरित क्षेत्र और हाईटेक वेलनेस सिटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
लगभग ₹750 करोड़ की लागत से एक विश्व स्तर का संग्रहालय प्रस्तावित है। इसमें ₹650 करोड़ भवन निर्माण पर और ₹100 करोड़ आसपास के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए जाएंगे। यह परियोजना टाटा संस द्वारा CSR के तहत वित्तपोषित है। संग्रहालय में देश की प्रमुख वैष्णव परंपराओं और मंदिर वास्तुकला का विस्तृत प्रदर्शन होगा।
आवास विकास परिषद अयोध्या में 550 एकड़ में ग्रीनफील्ड टाउनशिप बना रही है, जो ‘नव्य अयोध्या’ योजना का मुख्य हिस्सा है। यह प्रदेश की सबसे हाईटेक टाउनशिप में से एक होगी। ₹218 करोड़ की लागत से अंडरग्राउंड ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक डक्ट बनाए जा रहे हैं। करीब 200 एकड़ क्षेत्र को हरित पट्टी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें सुपर स्पेशलिटी मेडिकल ज़ोन और हाईटेक टेक्नोलॉजी पार्क भी शामिल होंगे।
अयोध्या में ₹750 करोड़ की लागत से ‘म्यूजियम ऑफ टेंपल्स’ का निर्माण प्रगति पर है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शहर के लिए 159 एमओयू साइन हुए। अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है और 5-सितारा व 4-सितारा श्रेणी के 42 होटल समूह निवेश कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी घोषित किया गया है। सरयू नदी के तट पर 40 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र NTPC ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने स्थापित किया है। 165 हेक्टेयर भूमि 30 साल की लीज पर दी गई है। यह संयंत्र अयोध्या की कुल आवश्यकता के 25–30% तक बिजली उपलब्ध करा रहा है।
‘अयोध्या यात्रा’ ऐप लॉन्च किया गया है, जो Android और iOS दोनों पर उपलब्ध है। इसके माध्यम से श्रीराम मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और सरयू घाट का 360-डिग्री वर्चुअल दर्शन किया जा सकता है। भक्त घर बैठे पूजा भी करा सकते हैं। मेटावर्स तकनीक के जरिए दीपोत्सव जैसे कार्यक्रमों का 3D अनुभव भी उपलब्ध है।
जिले के सभी 11 ब्लॉकों में मियावाकी पद्धति से कुल 55 वैदिक वन तैयार किए गए हैं। पौधों की सुरक्षा के लिए GPS टैगिंग की गई है और सिंचाई व रखरखाव का कार्य मनरेगा के माध्यम से कराया जा रहा है।
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