माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शूटआउट को लेकर राजनीति गर्माई हुई है। इस मामले पर सबसे अधिक आक्रामक AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी हैं। इस डबल मर्डर के बाद ओवैसी ने बयान दिया था कि 'यूपी में कानून का राज नहीं है।
प्रयागराज. माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शूटआउट को लेकर राजनीति गर्माई हुई है। इस मामले पर सबसे अधिक आक्रामक AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी हैं। इस डबल मर्डर के बाद ओवैसी ने बयान दिया था कि 'यूपी में कानून का राज नहीं है। 2017 में जब से योगी की सरकार बनी है। बंदूक का राज चल रहा है। इससे संविधान में लोगों का विश्वास कम होगा।' इस बयान के पीछे औवेसी और अतीक की फैमिली का गहरा रिश्ता सामने आ रहा है।
अतीक अहमद कानपुर में अपनी जड़ें जमाना चाहता था, लेकिन नाकाम रहा। जब उसे जेल हुई, तो उसने अपनी पत्नी शाइस्ता परवीन को यहां से चुनाव लड़ाने की कोशिश की थी, लेकिन फेल रहा। उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता परवीन भी आरोपी है। उसे इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। उस पर 25 हजार का इनाम है और वो फरार है। शाइस्ता को औवेसी ने अपनी पार्टी ज्वाइन कराया था। इस दौरान कानपुर में एक जनसभा रखी गई थी।
अतीक अहमद और ओवैसी की पार्टी AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन) का गहरा रिश्ता रहा है। 2017 में अतीक कानपुर कैंट से चुनाव लड़ने उतरना चाहता था। उसे 500 गाड़ियों के काफिले के साथ अपना शक्ति प्रदर्शन भी किया था। उसे भरोसा था कि यहां मुस्लिम आबादी होने से जीत पक्की होगी। हालांकि कानूनी प्रक्रिया के चलते ऐसा नहीं हो सका।
जब वो चुनाव नहीं लड़ सका, तो उसने AIMIM से पांच टिकट मांगे। प्रयागराज पश्चिम से वो शाइस्ता को विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहता था। हैरानी की बात यह है कि अतीक के काफिले का स्वागत बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड के मुख्य आरोपी पप्पू स्मार्ट ने किया था।
एनकाउंटर में मारे गए असम और शाइस्ता मंच पर दिखे थे
जब अतीक ने कानपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, कानपुर कैंट में एक सभा हुई थी। इसमें शाइस्ता परवीन और उसके बेटे असद ने चुनावी सभा में प्रचार किया था। हालांकि बाद में अतीक का टिकट कट गया था।
तस्वीर 27 सितंबर 2021 की है, जब AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कानपुर के जाजमऊ में जनसभा की थी। यह मुस्लिम आबादी वाला इलाका है। उस समय अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को मंच से ओवैसी ने पार्टी ज्वाइन कराई थी।
बता दें कि अतीक अहमद और अशरफ पर 15 अप्रैल की रात प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के पास ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इससे पहले झांसी में असद का पुलिस ने एनकाउंटर किया था।
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