माफिया अतीक और अशरफ की हत्या के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर पुलिस स्वस्थ दिख रहे अतीक और अशरफ को क्यों अस्पताल ले गई थी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या मामले में पुलिस की ओर से जो दावे किए जा रहे हैं उस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल यह है कि अतीक और अशरफ को जिस दौरान अस्पताल ले जाया जा रहा था वह पूरी तरह से ठीक-ठाक थे। हालांकि धूमनगंज पुलिस का कहना है कि तबीयत ठीक न होने की शिकायत पर पुलिस की टीम उन्हें लेकर अस्पताल पहुंची थी। इस घटना को लेकर एक तहरीर धूमनगंज इंस्पेक्टर के द्वारा दी गई है।
रिमांड की शर्तों में नहीं रोजाना मेडिकल का जिक्र
तहरीर में बताया गया है कि 15 अप्रैल की शाम को अतीक अहमद और अशरफ को बेचैनी हो रही थी। इसको लेकर उनके द्वारा शिकायत की गई। पुलिस टीम दोनों को अस्पताल ले जाने के लिए 10 बजकर 19 मिनट पर दोनों को लेकर कॉल्विन अस्पताल के लिए निकली। पुलिस का दावा है कि दोनों की तबीयत ठीक नहीं थी। हालांकि घटना से कुछ देर पहले तक भी अतीक और अशरफ ठीक-ठाक और मीडिया से बातचीत करते नजर आए। कथिततौर पर पुलिस अपने बचाव के लिए यह तर्क दे रही है। कोर्ट ने अतीक और अशरफ की कस्टडी रिमांड को लेकर जो शर्तें तय की हैं उसमें भी रोजाना मेडिकल करवाए जाने का जिक्र नहीं है। शर्तों के अनुसार अभियुक्तों का मेडिकल न्यायिक अभिरक्षा में लेने से पहले कराया जाए। पुनः पुलिस अभिरक्षा में दिए जाते समय उनका चिकित्सीय परीक्षण और कोविड जांच करवाई जाए।
जेल में नहीं बांटा गया अखबार, टीवी भी करवाए गए बंद
माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद जेल की बैरकों में लगे टीवी को बंद करवा दिया गया। रविवार की सुबह वहां अखबार भी नहीं बांटा गया। रोजाना की तरह ही रविवार की सुबह भी जेलों में अखबार पहुंचे तो बंदी रक्षकों ने उसे रिसीव किया। हालांकि उन्हें कैंटीन और बैरक में पहुंचने से पहले ही हटा दिया गया। वहीं कुछ वीआईपी बंदियों तक अगर अखबार पहुंचा भी तो उनमें से अतीक और अशरफ से जुड़ी खबरों का पन्ना हटा दिया गया।