
Zahid Saifi beaten for supporting Waqf Bill: मस्जिद से नमाज़ अदा कर बाहर निकल रहे थे, दिल में इत्मीनान था और ज़ुबान पर वक्फ बिल के समर्थन की बात। लेकिन अगले ही पल लाठी, धारदार हथियार और तानों की बारिश हो गई। हमला सिर्फ शरीर पर नहीं था, विचारों पर भी था।
उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति को वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) का समर्थन करना महंगा पड़ गया। घटना गुरुवार शाम की है जब जाहिद सैफी, जो भाजपा समर्थक हैं और पूर्व यूपी अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष अशफाक सैफी के साले हैं, अबू बकर मस्जिद में नमाज़ पढ़ने के बाद बाहर निकल रहे थे।
जाहिद सैफी ने एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि मस्जिद से निकलते समय वहां कुछ लोगों के बीच वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बातचीत हो रही थी। जब कुछ लोग बिल की आलोचना करने लगे तो सैफी ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि यह बिल सही है और इससे गरीबों को फायदा होगा।
बस यही बात कुछ लोगों को नागवार गुज़री। रिज़वान, नौशाद और शोएब सहित कुछ अन्य युवकों ने पहले सैफी को गालियाँ दीं और फिर कहा, "तू अब मुसलमान नहीं रहा, तू हिंदू बन गया है।" इसके बाद उन पर लाठी और धारदार हथियार से हमला कर दिया गया।
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सैफी ने बताया कि उन्हें बुरी तरह पीटा गया और उनके कान पर धारदार हथियार से हमला किया गया, जिससे उनका कान सुन्न हो गया और सुनाई देना बंद हो गया है। “मुझे डंडे से मारा गया और धारदार हथियार से कान पर वार किया गया। अब कुछ भी सुनाई नहीं देता, कान सुन्न हो गया है।”
घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने सैफी को संभल पुलिस स्टेशन पहुंचाया, जहां उनकी शिकायत दर्ज की गई और उन्हें मेडिकल के लिए भेजा गया। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी: “जाहिद सैफी पर हमले की जानकारी मिली है। इससे पहले भी दोनों पक्षों के बीच विवाद रहा है। केस दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई की जा रही है।”
सैफी ने हमले को अपनी राजनीतिक सोच और पारिवारिक संबंधों से जोड़ते हुए कहा,“हम वक्फ बिल पास होने से बहुत खुश हैं। इससे वक्फ बोर्ड का पैसा खाने वाले माफिया को दिक्कत होगी और गरीबों को उनका हक मिलेगा। यही लड़ाई है और इसी वजह से मुझे मारा गया।”
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