क्या आप जानते हैं? लखनऊ के इन मंदिरों में सावन में पूरी होती हैं हर मनोकामना!

Published : Jul 12, 2025, 02:46 PM IST
sawan 2025 lucknow shiv temples list

सार

Sawan Somwar Lucknow Darshan: सावन 2025 में लखनऊ के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। मनकामेश्वर से लेकर बुधेश्वर तक, जानिए कहाँ पूरी होगी आपकी मनोकामना।

Lucknow Sawan 2025 Shiva temples: सावन 2025 का आगमन होते ही लखनऊ की फिज़ाओं में फिर से भोलेनाथ का नाम गूंजने लगा है। सावन का पवित्र महीना उत्तर भारत में शिवभक्ति का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस बार की सावन सोमवार की श्रृंखला विशेष ज्योतिषीय योग के साथ शुरू हो रही है, जिससे शिव आराधना का फल कई गुना बढ़ने वाला है।

लखनऊ, जो अपनी तहज़ीब और धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है, इस महीने में शिवभक्ति का प्रमुख केंद्र बन जाता है। आइए जानते हैं लखनऊ के उन प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

मनकामेश्वर महादेव मंदिर: जो कि डालीगंज, गोमती नदी के किनारे पर स्थित है, यहां हर मनोकामना होती है पूरी

लखनऊ का सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर, मनकामेश्वर महादेव, न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी शहर की पहचान बन चुका है। यहां मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। सावन के सोमवार को यहां विशेष रुद्राभिषेक, महिलाओं के लिए अलग पूजा, और रात्रि भजन संध्या का आयोजन होता है। इस वर्ष मंदिर में ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था की जा रही है।

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बुधेश्वर महादेव मंदिर: जो कि राजाजीपुरम के पास स्थित है, यहां हर सोमवार को लगता है भक्तों का मेला

यह मंदिर लखनऊ के सबसे पुराने और लोकविश्वास से जुड़े शिव मंदिरों में एक है। यहां स्थापित स्वयंभू शिवलिंग की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। सावन में हर सोमवार को मंदिर परिसर मेला स्थल में बदल जाता है। भक्त दूर-दूर से आकर गंगाजल, बेलपत्र और भांग से भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं और सुख-शांति की कामना करते हैं।

नागेश्वरनाथ मंदिर: जो कि चौक क्षेत्र में काशी राम स्मृति उपवन के पास स्थित है, यहां नागों के साथ शिव की होती है पूजा

इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा नागेश्वर रूप में की जाती है, जो उन्हें नागों के देवता के रूप में दर्शाता है। सावन के सोमवार और नाग पंचमी के दिन यहां विशेष पूजा होती है। यहां आने वाले भक्त बेलपत्र, दूध और धतूरा अर्पित कर नागों से रक्षा और शिव कृपा की कामना करते हैं।

काली जी मंदिर परिसर का शिव मंदिर: जो कि चौक क्षेत्र में स्थित है, शिव-शक्ति की एक साथ होती है पूजा

काली जी मंदिर परिसर में स्थित शिव मंदिर में शिव और शक्ति दोनों की उपासना होती है। यहां सावन के दिनों में विशेषकर महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखने को मिलती है। भक्त भस्म आरती, संध्या भजन और रात्रि जागरण में भाग लेते हैं।

सती खंडेश्वरी मंदिर: जो कि आलमबाग क्षेत्र में स्थित है, वैवाहिक सुख और संतान प्राप्ति की कामना के लिए प्रसिद्ध

इस मंदिर में भगवान शिव के साथ माता सती की युगल पूजा होती है। विशेष रूप से विवाह योग्य युवतियाँ और संतान की इच्छा रखने वाले दंपती यहां पूजा करने आते हैं। सावन के सोमवार को यहां वैवाहिक सुख की विशेष पूजा का आयोजन होता है।

त्रिलोकनाथ महादेव मंदिर: जो कि अमीनाबाद क्षेत्र में स्थित है, शिव के तीनों लोकों के स्वामी रूप की होती है पूजा

यह मंदिर पुराने लखनऊ के भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित है, फिर भी इसकी शांति भक्तों को आकर्षित करती है। यहां भगवान शिव को त्रिलोकों के स्वामी के रूप में पूजा जाता है। सावन में यहां विशेष त्रयोदशी पूजन, रुद्राभिषेक और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ किया जाता है।

शिवाला मंदिर: जो कि हुसैनगंज क्षेत्र में स्थित है, शांत वातावरण में शिवभक्ति का आदर्श स्थल

यह मंदिर उन भक्तों के लिए आदर्श है जो भीड़ से दूर, एकांत और शांति में भगवान शिव की पूजा करना चाहते हैं। सावन 2025 में यहां दैनिक रुद्राभिषेक, मंत्रजाप, और विशेष सोमवार पूजा की व्यवस्था की गई है।

इस बार सावन में श्रवण नक्षत्र में सोमवार, प्रदोष व्रत और रक्षाबंधन जैसे पर्व एक ही महीने में आने से धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है। लखनऊ के सभी प्रमुख शिव मंदिरों में सावधानी, सुरक्षा और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए विशेष व्यवस्था की जा रही है।

क्या ध्यान रखें श्रद्धालु?

  • भीड़ से बचने के लिए सुबह जल्दी मंदिर पहुंचें
  • बेलपत्र, भांग, गंगाजल जैसी पूजा सामग्री पहले से लें
  • सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सफाई बनाए रखें
  • कई मंदिरों में महिलाओं के लिए अलग कतारें होती हैं, इसका लाभ लें
  • रुद्राभिषेक के लिए समय पूर्व पंजीकरण करें (कुछ मंदिरों में ऑनलाइन भी उपलब्ध)

सावन 2025 में लखनऊ न केवल एक धार्मिक नगर के रूप में, बल्कि शिवभक्ति की राजधानी के रूप में भी उभरेगा। यदि आप इस सावन किसी एक मंदिर के दर्शन भी कर लें, तो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और ईश कृपा निश्चित रूप से अनुभव करेंगे।

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