'अगर पुलिस सुन लेती तो जिंदा होती बेटी' 15 दिन तक चौकी-थाने के चक्कर काटता रहा पिता, बोरे में मिली छात्रा की लाश

यूपी के शाहजहांपुर में तकरीबन 15 दिनों से गायब छात्रा की लाश बोरे में मिली। पीड़ित पिता ने कहा कि वह इस बीच थाने और चौकी के चक्कर काटता रहा लेकिन पुलिस ने उसकी नहीं सुनी।

Contributor Asianet | Published : Jan 25, 2023 6:08 AM IST

शाहजहांपुर: सिधौली क्षेत्र के शिव नगर गांव में सुखलाल की बेटी अर्चना का शव हत्या के बाद बोरे में भरकर तालाब में फेंक दिया गया। तकरीबन 15 दिनों से लापता 12वीं की छात्रा अर्चना का शव मंगलवार को तालाब से बरामद किया गया। बेटी का शव देखने के बाद मां बेसुध हो गई और पिता भी बिलखते नजर आए।

थाने से लेकर चौकी तक चक्कर लगाता रहा पीड़ित पिता

इस बीच पीड़िता ने पुलिस पर सुनवाई न करने का आरोप लगाया। आरोप है कि बेटी के लापता होने के बाद पीड़िता पिता 15 दिनों तक दौड़ता रहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। थाने और चौकी की पुलिस उसको उलझाए रही। सुखलाल ने जब बेटी का शव देखा तो वह बिलख पड़े। पीड़िता पिता ने बताया कि बेटी 9 जनवरी को कॉलेज के लिए गई थी। इसके बाद वह वापस ही नहीं आई। बेटी के न आने पर वह तुरंत ही पुलिस के पास सिधौली थाने पहुंचे। यहां से उन्हें कोरोकुइंया चौकी क्षेत्र का मामला बताते हुए भेज दिया गया। चौकी पर पहुंची तो उनकी कोई सुनवाई ही नहीं हुई। उनसे अगले दिन आने को कहा गया। इसके बाद से वह लगातार चौकी और थाने के चक्कर काटते रहे।

लोकेशन ट्रेस कराने के लिए नहीं ली गई अर्जी

सुखलाल की ओर से बताया गया कि उन्होंने बेटी के मोबाइल की लोकेशन को ट्रेस करवाने के लिए भी सीओ पुवायां के आवास पर जाकर सिपाही संजीव को प्रार्थना पत्र दिया था। इसके दो दिन बाद जब सिपाही से पूछा गया तो उसने कहा कि दारोगा अर्जी नहीं ले रहे हैं। दारोगा से पूछताछ की गई तो उन्होंने सिपाही के प्रार्थना पत्र न देने की बात कही। इन तमाम बातों को बताकर सुखलाल रोते हुए सिर्फ यही कह रहा है कि अगर पुलिस उसकी सुन लेती तो बेटी जिंदा होती। सुखलाल ने बताया कि तकरीबन सात साल पहले बेटे की मौत हो चुकी है। अर्चना उसकी सबसे छोटी बेटी थी। वहीं पुलिस प्रथम दृष्टया इस मामले को प्रेम प्रसंग से जोड़कर देख रही है।

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