बुर्का न पहनने की सजा मौत, शामली में पिता बना हैवान, 10 दिन बाद खुला सेप्टिक टैंक का राज

Published : Dec 17, 2025, 11:30 AM IST
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सार

शामली के कांधला क्षेत्र में बुर्का विवाद ने खौफनाक रूप ले लिया। एक शख्स ने पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की हत्या कर शव घर के आंगन में बने सेप्टिक टैंक में दफना दिए। दस दिन बाद सच सामने आया, आरोपी गिरफ्तार।

शामली। घर की दीवारों के भीतर जो खौफनाक कहानी दबी थी, उसने पूरे इलाके को सन्न कर दिया। शामली में सामने आई इस वारदात ने रिश्तों, भरोसे और इंसानियत, तीनों को शर्मसार कर दिया। एक पति ने बुर्का न पहनने को अपनी “बेइज्जती” मानते हुए पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की निर्मम हत्या कर दी और तीनों के शव घर के आंगन में बने सेप्टिक टैंक में दफना दिए।

जहां सुकून होना चाहिए था, वहीं रची गई मौत की साजिश

यह सनसनीखेज मामला कांधला थाना क्षेत्र के गांव गढ़ी दौलत का है। गांव निवासी फारुख, जो एक होटल में रोटी बनाने का काम करता था, अपने पिता और भाइयों से अलग मकान में परिवार के साथ रहता था। बाहर से सामान्य दिखने वाला यह घर भीतर से एक खौफनाक राज छिपाए हुए था।

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बुर्का बना रोज़ के झगड़े की वजह

पुलिस जांच में सामने आया कि फारुख अपनी पत्नी ताहिरा और बेटियों आफरीन (16) व सहरीन (14) पर बुर्का पहनने और पर्दे में रहने का दबाव बनाता था। ताहिरा इस सोच से सहमत नहीं थी। इसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच लगातार तनाव और झगड़े होते रहते थे। फारुख इसे अपनी सामाजिक बदनामी मानने लगा था।

पहले तमंचा, फिर सेप्टिक टैंक, साजिश पहले से तैयार

गुस्से और कट्टर सोच में डूबे फारुख ने हत्या की पूरी योजना पहले ही बना ली थी। उसने कैराना से अवैध तमंचा और कारतूस खरीदे और घर के आंगन में सेप्टिक टैंक खुदवाया। इसी दौरान पत्नी ताहिरा मायके गई हुई थी, जिसे उसने बहाने से वापस बुला लिया।

चाय के बहाने जगाया, गोली से खत्म कर दी जिंदगी

8 दिसंबर की रात फारुख ने ताहिरा को चाय के बहाने जगाया और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। गोली की आवाज सुनकर दोनों बेटियां नींद से जाग गईं, लेकिन पिता का दिल तब भी नहीं पसीजा।

बेटियों पर भी टूटा हैवानियत का कहर

पहले फारुख ने बड़ी बेटी आफरीन को गोली मारी, फिर छोटी बेटी सहरीन का गला घोंटकर उसकी जान ले ली। मां-बेटियों की चीखें उसी घर में दफन हो गईं, जहां उन्हें सबसे ज्यादा सुरक्षित होना चाहिए था।

लाशें जमीन में, झूठ जुबान पर

तीनों हत्याओं के बाद फारुख ने शवों को सेप्टिक टैंक में डालकर ऊपर से मिट्टी भर दी। इसके बाद वह परिवार और रिश्तेदारों को यह कहकर गुमराह करता रहा कि पत्नी और बच्चे शामली में किराये के मकान में रह रहे हैं।

10 दिन की चुप्पी ने खोला खौफनाक राज

करीब दस दिनों तक महिला और बच्चियों का कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार परिजनों को शक हुआ और पुलिस को सूचना दी गई। जांच में पति पर शक गहराता गया और सख्त पूछताछ के बाद फारुख टूट गया।

पूछताछ में कबूला जुर्म, टैंक से निकले शव

आरोपी ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसकी निशानदेही पर सेप्टिक टैंक की खुदाई कराई गई, जहां से ताहिरा और दोनों नाबालिग बेटियों के शव बरामद हुए।

पुलिस का बयान और आगे की कार्रवाई

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एनपी सिंह ने बताया कि ग्राम प्रधान से महिला और दो बच्चियों के लापता होने की सूचना मिली थी। जांच के दौरान पति फारुख ने हत्या की बात स्वीकार कर ली है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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