300 फीट नीचे जिंदगी और मौत की जंग: सोनभद्र हादसे ने खोली सुरक्षा की पोल? रातभर चला रेस्क्यू

Published : Nov 16, 2025, 06:22 PM IST
sonbhadra obra mining landslide accident rescue operation

सार

सोनभद्र के ओबरा क्षेत्र में भीषण खनन हादसा, पहाड़ दरकने से एक की मौत और कई मजदूरों के 300 फीट नीचे दबे होने की आशंका। SDRF-NDRF का रेस्क्यू जारी। खनन सुरक्षा मानकों की अनदेखी और अवैध माइनिंग पर उठे गंभीर सवाल।

शनिवार देर शाम सोनभद्र के ओबरा क्षेत्र की खामोशी तब टूट गई, जब बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा अचानक दरक पड़ा। कुछ ही पलों में वहां मौजूद मजदूर मलबे में समा गए और चीख-पुकार की आवाजें अंधेरे में गुम हो गईं। यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि खनन क्षेत्र में वर्षों से जारी लापरवाही और भ्रष्टाचार का बेरहम सबूत बनकर सामने आया है।

1 की मौत की पुष्टि, 15–20 मजदूरों के दबे होने की आशंका

घटना के तुरंत बाद प्रशासन हरकत में आया और रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। जानकारी के अनुसार, मजदूर करीब 300 फीट नीचे मलबे में फंसे हैं, जिसकी वजह से बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। भारी चट्टानें, गहराई और अंधेरा—ये सभी स्थितियां राहत कार्य को और कठिन बना रही हैं।मौके पर SDRF, NDRF, पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें लगातार मलबा हटाकर मजदूरों तक पहुंचने का प्रयास कर रही हैं।

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खनन मालिक सहित तीन पर FIR दर्ज, उच्च अधिकारी मौके पर मौजूद

हादसे की गंभीरता को देखते हुए विंध्याचल मंडल के कमिश्नर राजेश प्रकाश, आईजी आरपी सिंह, NDRF के डीआईजी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर डटे हुए हैं। ओबरा थाना क्षेत्र के कृष्णा माइनिंग वर्क्स में हुए इस हादसे पर खनन मालिक समेत तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह स्पष्ट है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी इस दुर्घटना की बड़ी वजह रही है।

सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर चल रहा था खनन

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां सुरक्षा नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा था।

  • 300 फीट की गहराई तक विस्फोट
  • खतरनाक ढलानों पर लगातार माइनिंग
  • निरीक्षण प्रक्रिया का अभाव

स्थानीय लोगों ने कई बार चेतावनी दी थी कि यहां बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन न खनन कंपनी ने और न ही प्रशासन ने इस ओर गंभीरता दिखाई।

सैकड़ों वैध-अवैध पट्टों में चल रहा खतरनाक खेल

सोनभद्र देश के सबसे बड़े खनन जिलों में से एक है। यहां:

  • सैकड़ों वैध और अवैध खनन पट्टे सक्रिय
  • बिना निगरानी के ब्लास्टिंग
  • मजदूरों को सुरक्षा उपकरण तक नहीं
  • अनेक खदानों में केवल दिखावटी निरीक्षण

आरोप है कि अवैध खनन माफिया नियमों की धज्जियां उड़ाता है और अधिकारी कार्रवाई से परहेज करते हैं।

रेस्क्यू जारी, मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशें तेज

फिलहाल SDRF और NDRF की टीमों का संयुक्त बचाव अभियान लगातार जारी है। प्रशासन की प्राथमिकता मलबे में दबे मजदूरों को सुरक्षित निकालने की है। घटना स्थल पर स्थानीय लोग भी किसी उम्मीद की किरण के इंतजार में डटे हुए हैं।

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