उत्तर प्रदेश सरकार ने हार्ट अटैक मरीजों के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सभी सरकारी अस्पतालों, पीएचसी और सीएचसी में टेनेक्टेप्लाज या स्ट्रेप्टोकाइनेज इंजेक्शन पूरी तरह मुफ्त मिलेगा, जिससे समय पर इलाज कर कई जानें बचाई जा सकेंगी।

कभी कुछ मिनटों की देरी जिंदगी और मौत के बीच की दूरी तय कर देती है। हार्ट अटैक के मामलों में यही कुछ सेकेंड मरीज की सांसें थाम लेते हैं। लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इस सबसे अहम समय को मरीजों के पक्ष में मोड़ने की बड़ी पहल की है। एक ऐसा फैसला, जो छोटे अस्पतालों की सीमाएं तोड़कर हजारों जिंदगियों को सुरक्षित करने वाला साबित हो सकता है।

हार्ट अटैक मरीजों के लिए सरकार का बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में अब हार्ट अटैक के मरीजों के लिए टेनेक्टेप्लाज या स्ट्रेप्टोकाइनेज इंजेक्शन बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध होगा। लक्षण नजर आते ही चाहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हो या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, डॉक्टर तुरंत यह इंजेक्शन लगाएंगे और उसके बाद ही मरीज को किसी कार्डियोलॉजिस्ट के पास रेफर करेंगे। बाजार में 40 से 50 हजार रुपये तक की कीमत वाले इस इंजेक्शन को सरकार अब बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराएगी।

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समय की देरी बनती थी सबसे बड़ी मुश्किल

स्वास्थ्य निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार देश में हार्ट अटैक की शिकायत तेजी से बढ़ रही है। अधिकतर मामलों में मरीजों को नजदीकी अस्पताल तक तो ले जाया जाता है, लेकिन विशेषज्ञ सुविधा न होने पर डॉक्टर उन्हें तुरंत बड़े अस्पतालों में भेज देते हैं। इस रेफरल प्रक्रिया में होने वाली देरी कई बार मरीज की जान ले लेती है। आर्थिक रूप से सक्षम लोग निजी अस्पतालों में महंगे इंजेक्शन लगवा लेते हैं, जबकि सामान्य मरीज उपचार के अभाव में गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं।

अब हर अस्पताल में मुफ्त मिलेगी सुविधा

इस चुनौती को देखते हुए सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी में इन दोनों इंजेक्शनों की उपलब्धता अनिवार्य कर दी है। महंगे होने के कारण आम मरीज इन दवाओं की लागत उठाने में सक्षम नहीं होते, इसलिए सरकार ने बिना शुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।स्वास्थ्य निदेशालय ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को यह व्यवस्था तुरंत लागू करने के लिए निर्देश दिए हैं।

क्यों जरूरी है यह इंजेक्शन?

हार्ट अटैक के दौरान खून का थक्का बन जाता है, जिससे ब्लॉकेज पैदा होता है। डॉक्टरों के मुताबिक यदि समय रहते टेनेक्टेप्लाज या स्ट्रेप्टोकाइनेज इंजेक्शन दिया जाए तो थक्का बनने की प्रक्रिया रुक जाती है।इससे मरीज को बड़े अस्पताल तक ले जाने के लिए पर्याप्त ‘गोल्डन टाइम’ मिल जाता है और जीवन बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

पहले सिर्फ बड़े केंद्रों तक सीमित थी सुविधा

यह व्यवस्था अब तक केवल गिने-चुने बड़े चिकित्सा संस्थानों में ही उपलब्ध थी –

  • केजीएमयू लखनऊ
  • लोहिया संस्थान
  • एसजीपीजीआई
  • बीएचयू वाराणसी
  • सैफई एम्स
  • एएमयू अलीगढ़
  • एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

अब सरकार इसे प्रदेश के प्रत्येक छोटे-बड़े अस्पताल में उपलब्ध करा रही है।

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