सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में घरों पर हुई बुलडोजर कार्रवाई को 'असंवैधानिक' और 'अमानवीय' करार दिया। कोर्ट ने कहा कि यह राइट टू शेल्टर (Right to Shelter) और ड्यू प्रोसेस ऑफ लॉ (Due Process of Law) का उल्लंघन है।
Ambedkar nagar little Girl: यूपी में बुलडोजर एक्शन को सुप्रीम कोर्ट ने असंवेदनशील और अमानवीय कार्रवाई करार दिया है। यूपी सरकार को फटकार लगाने के साथ ही कोर्ट ने प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अब ऐसी गलती भविष्य में नहीं होनी चाहिए। बुलडोजर से गिराए गए घरों के मालिकों को दस-दस लाख रुपये मुआवजा का ऐलान करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से घरों को गिराए जाने की कार्रवाई के खिलाफ एक नज़ीर पेश की है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद से रिलेटेड जमीन बताकर आनन फानन में तमाम लोगों के घरों को गिराए जाने के मामले की सुनवाई कर रहा था। लेकिन सुनवाई के दौरान यूपी के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए अंबेडकरनगर में बुलडोजर एक्शन के एक वीडियो का भी जिक्र किया। कोर्ट ने उस वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि हम सभी ने एक वीडियो देखा जिसमें एक लड़की अपने किताबों को सीने से लगाकर खड़ी थी जबकि उसके घर को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा था। यह दृश्य समाज को झकझोरने वाला है। जस्टिस भुयान ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से लोगों में भय का माहौल बनता है।
बीते मार्च 2025 का यह मामला है। राज्य के अंबेडकरनगर जिला के जलालपुर इलाका में प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई का एक वीडियो वायरल हुआ था। कथित अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत लोगों की झोपड़ियों पर बुलडोजर चलाया जा रहा था। इसी दौरान एक छोटी बच्ची जिसकी उम्र करीब 7-8 साल रही होगी वह पुराने स्कूली ड्रेस में किताबों और बस्ते को सीने से चिपकाए भागे जा रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बुलडोजर चल रहा है और लड़की किताबों को कस के अपने शरीर में चिपकाए भाग रही। यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। लोगों ने इस वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन को खूब खरी-खोटी भी सुनाई थी।
अंबेडकरनगर में छोटी बच्ची के किताबों को बचाने के लिए उसे लेकर भागने वाले दृश्य को ट्वीट कर विपक्ष ने योगी सरकार पर तंज कसा था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उस घटना का जिक्र करते हुए एक्स पर ट्वीट किया कि यूपी के अंबेडकरनगर में एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी शान दिखाने के लिए झोपड़ियां गिरा रहा है और एक बच्ची अपनी किताबें बचाने के लिए भागने पर मजबूर हैं। ये वही भाजपाई लोग हैं जो कहते हैं कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ।
कांग्रेस ने भी एक्स पर पोस्ट लिखा: बुलडोजर से जमींदोज होती झोपड़ी से एक बच्ची ने अपना सबसे कीमती सामान निकाला किताबें। यह वीडियो उन हुक्मरानों के लिए लानत है जो इन बच्चों के हाथों से किताबें और सिर से उनकी छत छीन लेते हैं।