उमेश पाल हत्याकांड: सिपाही ने फंसने के बाद खोल दिया अधिकारियों का कच्चा चिट्ठा, कई नए नाम भी आए सामने

Published : Mar 16, 2023, 09:38 AM ISTUpdated : Mar 16, 2023, 10:10 AM IST
Umesh Pal Murder Bareilly

सार

उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस की पड़ताल में कई खुलासे हुए हैं। इस बीच जेल में अतीक अहमद के भाई अशरफ से गैर कानूनी मुलाकात को लेकर भी पड़ताल की जा रही है। इस मामले में सिपाही ने कई राज खोले हैं।

प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ से बरेली जेल में अधिकारियों की अनुमति पर मुलाकातियों की मिलवाने का काम आरक्षी शिवहरि के द्वारा किया जाता था। ये मुलाकातें जेल के परिसर में बने मल्टीपरपज हॉल के सामने गोदाम में होती थीं। जेल अधिकारियों के बयान से जानकारी मिली की शिवहरि और मनोज गौड़ संदिग्ध प्रवृत्ति के थे और अपराधियों से उनकी अच्छी साठगांठ थी।

जेल के अधिकारियों के निर्देश पर होती थी अशरफ से मुलाकात

पड़ताल के दौरान कुछ नए लोगों के नाम भी सामने आए हैं जो जेल में अशरफ से मुलाकात करने के लिए आए हुए थे। वहीं हैरान करने वाली बात है कि जिन जेल के अधिकारियों के जिम्मे इन गैर कानूनी मुलाकातों को रोकने का जिम्मा था उनके खिलाफ सिर्फ निलंबन और विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की जा रही है। निलंबित आरक्षी शिवहरि ने डीआईजी के सामने जानकारी दी कि अशरफ से मुलाकातियों को मिलवाने का काम जेलर राजीव मिश्रा और डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह के निर्देश पर होता था। अधिकारियों के कहने पर ही अशरफ के मुलाकातियों की आईडी उनके सामने प्रस्तुत करता था।

बड़े आराम से अशरफ तक पहुंच जाता था सारा सामान

आरक्षी शिवहरि ने यह भी जानकारी दी कि 3-4 आईडी पर 6-7 लोगों को गोदाम में मिलवाया जाता था। इस मामले को लेकर सभी जेल अधिकारियों को जानकारी थी। मुलाकातियों को लेकर सद्दाम और लल्ला गद्दी लेकर आते थे। इनको जेल के अधिकारी पहले से ही जानते थे। लल्ला गद्दी पहले भी बरेली जेल में निरुद्ध रह चुका है। वहीं शिवहरि के साथ गिरफ्तार सब्जी विक्रेता दयाराम ने बताया कि उसने अशरफ को देखा तक नहीं है। जेल के बाहर दुकान चलाने वाले विक्की और जेल वार्डर रामनरायन ने उसकी पहचान अशरफ के साले सद्दाम से करवाई थी। सद्दाम अशरफ के लिए कुछ खाने-पीने की चीजें लेकर आता था जिसे कैंटीन के सामान के साथ में जेल के अंदर भेजा जाता था। यह सामान वह लम्बरदार लाला राम को देता था। वहीं लालाराम ने भी कबूल किया वह अशरफ तक सामान पहुंचाता था।

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