सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर एनडीए में शामिल हो गए। राजभर ने पहले दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की, इसके बाद भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने का ऐलान किया।
दिल्ली. उत्तर प्रदेश की सियासत से बड़ी खबर है, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) में शामिल हो गए। राजभर ने पहले दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की, इसके बाद बीजेपी वाले गठबंधन में शामिल हो गए। वह अखिलेश की पार्टी सपा के सहयोगी रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को यह एक बड़ा झटका लगा है।
अमित शाह ने कहा-राजभर का परिवार में स्वागत
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ओपी राजभर से मुलकात के बाद ट्वीट किया और कहा- ओम प्रकाश राजभर से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूं। राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा गरीबों और वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा।
राजभर ने कहा-अब बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे
वहीं एनडीए में शामिल होने के बाद राजभर ने भी ट्वीट करके इसकी पुष्टि कर दी। उन्होंने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को धन्यवाद कहा है। इसके बाद लिखा-.भाजपा और सुभासपा आए साथ सामाजिक न्याय देश की रक्षा- सुरक्षा, सुशासन वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर लड़ेगी। आगे कहा-गृहमंत्री भारत सरकार अमित शाह जी से दिल्ली में भेंट हुई और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया। मैं मा०अमित शाह जी,मा०प्रधानमंत्री जी,मा०मुख्यमंत्री जी,मा०जेपी जेपी नड्डा को धन्यवाद देता हूँ।
एक साल ही चल पाया अखिलेश यादव का साथ
बता दें कि ओपी राजभर की पार्टी उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की सहयोगी रह चुकी है। यूपी के 2022 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर सपा के साथ गठबंधन कर साथ चुनाव लड़े थे। इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनावी कैंपेन संभाली थी। लेकिन चुनावी परिणाम उनके हिसाब से नहीं आए और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद राजभर-अखिलेश के बीच सियासी दूरियां बढ़ने लगी और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने लगे। हाल ही में यूपी के निगम चुनाव में भी उनको करारी हार मिली। जिसके बाद कयास लगने लगे थे कि ओपी राजभर जल्द एनडीए में शामिल होंगे। इससे पहले भी वो एनडीए के सहयोगी रह चुके हैं।